लचीलापन का अर्थ बताते हुए उसका वर्गीकरण कीजिए ।
लचीलापन का अर्थ बताते हुए उसका वर्गीकरण कीजिए ।
अथवा
लचीलापन किसे कहते हैं ?
उत्तर— लचीलापन–लचीलेपन से तात्पर्य आचरण से गिरना नहीं है। सफलता के लिए अपनी योग्यता का सदुपयोग करना ही लचीलापन है। लचीलापन व्यक्तित्व हर स्थिति का लाभ उठाना जानता है। छात्र को शक्ति और विनम्रता के साथ जीवन के उतार-चढ़ाव को निपटाने में सक्षम होना चाहिए।
लचीलेपन का वर्गीकरण– लचीलापन मुख्य रूप निम्नलिखित प्रकार का होता है—
(1) प्राकृतिक लचीलापन – कुछ लचीलापन ऐसा होता है जिसे लेकर ही व्यक्ति इस दुनिया में जन्म लेता है। ऐसे लचीलेपन को प्राकृतिक लचीलापन कहते हैं । इस प्रकार का लचीलापन हमें अपने जीवन को पूर्ण उत्साह एवं स्फूर्ति के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है। यह लचीलापन मनुष्य का स्वभाव होता है। प्राकृतिक लचीलापन हमारी रक्षा करता है तथा हमें जीवन में क्या करना है, कहाँ जाना है, हमारे लिए क्या अच्छा हो सकता है आदि का पता लगाने की हमें अनुमति देता है साथ ही इन सभी कार्यों में हमारी सहायता भी करता है ।
(2) अनुकूली लचीलापन – लचीलेपन का दूसरा प्रकार अनुकूली लचीलापन है। यह लचीलापन आग के परीक्षण के समान है जो हमें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने एवं उसके अनुसार समाधान करने के लिए तैयार करता है। यह व्यक्तियों के चरित्र से ही परिलक्षित होता है। अतः यदि व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों का सामना भी आसानी से कर लेता है इसका अभिप्राय है कि वह अधिक मजबूत एवं लचीला हो गया है।
(3) पुन: संग्रहीत लचीलापन – इस लचीलेपन को सीखा हुआ लचीलापन कहते हैं। इस प्रकार के लचीलेपन में हम उन तकनीकियों को सीखते हैं जिससे हम प्राकृतिक लचीलेपन का विकास कर सकें । जैसे जब व्यक्ति बाल्यावस्था में होता है तब वह अपने प्राकृतिक लचीलेपन का विकास करता है तथा अनुकूली लचीलेपन को सीखता है इस लचीलेपन के द्वारा ही व्यक्ति अपनी अतीत, वर्तमान एवं भविष्य की समस्याओं का सामना करने में पूर्ण सक्षम हो जाते हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here