लैंगिक विभेद का राजनीति पर पड़ने वाले प्रभावों का वर्णन करें।

लैंगिक विभेद का राजनीति पर पड़ने वाले प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर- लैंगिक विभेद का अर्थ है, समाज का लिंग (महिला तथा पुरुषाके आधार पर बँटवारा। आज समाज में लगभग 48% स्त्रियाँ हैं। प्रारंभ में उन्हें पुरुषों के बराबर अधिकार प्राप्त थे, परंतु धीरे-धीरे उनकी दशा खराब होती चली गई। लैंगिक विभेद के कारण आज विश्वभर में राजनीति में स्त्रियों का प्रतिनिधित्व कम है। अमेरिका में 20.2%, यूरोप में 19.6% तथा एशिया के देशों का औसत मात्र 11.7% है। भारत में भी लोकसभा में सिर्फ 11% और राज्यसभा में 9.3% महिलाएँ हैं। वर्ष 2007 में पहली बार देश में कोई महिला राष्ट्रपति बनी और 2009 में भी पहली बार एक महिला, श्रीमती मीरा कुमार लोकसभा की स्पीकर बनी। लैंगिक विभेद के कारण जो प्रतिनिधित्व की कमी होती है उससे उनके समस्याओं को बेहतर ढंग से रखा नहीं जा रहा है। आज भी 33% आरक्षण की माँग जारी है।
जब तक लैंगिक आधार पर राजनैतिक भेदभाव जारी रहेगा। स्त्रियाँ अपने आत्मसम्मान, स्वावलंबन एवं समस्याओं का हल प्राप्त नहीं कर पाएँगी।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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