विकलांग जन अधिनियम ( 1995 ) की प्रमुख योजनाएँ लिखिये।
विकलांग जन अधिनियम ( 1995 ) की प्रमुख योजनाएँ लिखिये।
उत्तर — विकलांग जन अधिनियम 1995 की प्रमुख योजनाएँ निम्न हैं—
(1) विकलांगों को प्रोत्साहन देना ।
(2) कृत्रिम अंग एवं उपकरणों हेतु अनुदान प्रदान करना।
(3) विकलांगों को जन-सम्मान के अवसर उपलब्ध कराना।
(4) दुकान एवं मकान निर्माण के लिए आर्थिक मदद प्रदान करना ।
(5) विकलांग एवं अनाश्रित बच्चों हेतु भरण-पोषण सम्बन्धी अनुदान व छात्रवृत्तियाँ प्रदान करना ।
( 6 ) राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करना ।
(7) अधिनियम के तहत विकलांगों हेतु सहायता उपकरण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इन विकलांगों को रियायती दरों पर भूमि आवंटित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है। जिससे कि ये विकलांग भवन, दुकान आदि का निर्माण कर सकें ।
(8) अधिनियम के तहत विकलांगता की रोकथाम हेतु विकलांग लोगों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने एवं इनकी अनुकूल संरचनात्मक विशेषताओं के विकास के लिए अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित करने की व्यवस्था की गई
(9) इस अधिनियम की धारा 26 से 31 के अन्तर्गत दिये गये प्रावधानों के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि 18 वर्ष से कम आयु वाले विकलांग बच्चों हेतु निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जायेगी ।
(i) अधिनियम के तहत ऐसे बच्चे जो पाँचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ चुके हों, को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है ।
(ii) ऐसे विकलांग बच्चे जो 16 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के हैं, उनके लिए अंशकालिक कक्षाओं की स्थापना करने एवं उन्हें निःशुल्क विशेष उपकरण प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
(10) इस अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र सरकार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केन्द्रीय समन्वय समिति का गठन किये जाने की व्यवस्था की गई है। अधिनियम के इस केन्द्रीय समन्वय समिति के द्वारा किये गये निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा हेतु एक अलग से केन्द्रीय कार्यकारी समिति गठित किये जाने की भी व्यवस्था है।
(11) इस अधिनियम के तहत हरेक राज्य में एक-एक राज्य समन्वय समिति गठित की जाती है और इन्हीं के कार्यान्वयन हेतु एक समिति का गठन किया जाता है तथा इसके साथसाथ इसमें बैठकें भी आयोजित की जाती हैं।
(12) अधिनियम के तहत सरकार द्वारा ऐसे विकलांगों को रोजगार दिये जाने की व्यवस्था की गई है, जो कि बेरोजगार हैं या फिर जो विशेष रोजगार कार्यालय में दो वर्ष से ज्यादा समय से पंजीकृत हैं और जिन्हें किसी भी प्रकार का लाभकारी रोजगार प्राप्त नहीं हो सकता है।
(13) अधिनियम के तहत विकलांगों के लिए प्रतिष्ठान अथवा संस्था लाने वाले व्यक्तियों की संस्था के पंजीकरण की कार्यवाही करने की व्यवस्था की गई है। इस सन्दर्भ में राज्य सरकार को यह निर्देश जारी किया गया है कि वह इस कार्य के लिए सक्षम अधिकारी की नियुक्ति करे।
(14) विकलांगों के लिए ऐसे संस्थानों का गठन करना, जिससे 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति को रखना ।
(15) अधिनियम के तहत बच्चों की विकलांगता की समय से पहचान कर उसकी रोकथाम सम्बन्धी प्रचार-प्रसार एवं शिक्षण-प्रशिक्षण आदि प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है।
(16) अधिनियम के तहत विकलांग बच्चों हेतु यातायात, भवन एवं राजकीय योजनाओं के अनुरूप अवरोध रहित परिवेश प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गई है।
(17) अधिनियम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा इस अध्याय को जारी करने के लिए एक मुख्य आयुक्त की नियुक्ति करने का प्रावधान है। अतः राज्य स्तर पर भी एक विकलांग जन आयुक्त की नियुक्ति की व्यवस्था इसी के तहत की गई है । ये आयुक्त विकलांगों के अधिकारों को हटाने से सम्बन्धित एवं विकलांगों के कल्याण व अधिकारों के रक्षार्थ शिकायतों को सुनेंगे और सरकार के कार्यों की समीक्षा के पश्चात् यह सुनिश्चित करेंगे कि विकलांगों को दिये जाने वाले अधिकार व सुविधाएँ सुरक्षित हों।
(18) अधिनियम के अन्तिम अध्याय में प्रावधानित व्यवस्था को भंग करने में 20 हजार रुपये तक का जुर्माना तथा 2 साल तक की सजा का प्रावधान दण्ड स्वरूप प्रदान किया गया है।
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