विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा शुद्ध ताँबा की प्राप्ति कैसे की जाती है ?
विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा शुद्ध ताँबा की प्राप्ति कैसे की जाती है ?
उत्तर ⇒ कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, सिल्वर, गोल्ड आदि धातुओं का परिष्करण विद्युत अपघटन द्वारा किया जाता है। __एक विद्युत् अपघटनी टैंक लिया जाता है। इसके अंदर अम्लीयकृत कॉपर सल्फेट का विलयन अपघट्य के रूप में टैंक में रखा जाता है। इस प्रक्रम में अशुद्ध ताँबे का एनोड और शुद्ध ताँबे का पतला. कैथोड बनाकर लवण विलयन में डाल दिया जाता है। विद्युत अपघट्य से जब विद्युत-धारा प्रवाहित किया जाता है, तब एनोड पर स्थित अशुद्ध धातु विद्युत अपघट्य में घुल जाती है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाती है। विलेय अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलेय अशुद्धियाँ एनोड तली पर निक्षेपित हो जाती हैं। इन अशुद्धियों को एनोड पंक कहा जाता है। इस प्रकार विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध धातु का परिष्करण हो जाता है।