वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका की विवेचना करें।

वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका की विवेचना करें।

उत्तर ⇒ वियतनाम के राष्ट्रवादी आंदोलन में महिलाओं की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण थी। युद्ध और शांति दोनों काल में उन. लोगों ने पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग किया। स्वतंत्रता संग्राम में वे विभिन्न रूपों में भाग लेने लगी; छापामार योद्धा के रूप में; कली के रूप में अथवा नर्स के रूप में। समाज ने उनकी १२ मूमका को सराहा और इसका स्वागत किया। वियतनामी राष्ट्रवाद के विकास के साथ स्त्रियाँ बड़ी संख्या में आंदोलनों में भाग लेने लगी। स्त्रियों को राष्ट्रवादी धारा में आकृष्ट करने के लिए बीते वक्त की वैसी महिलाओं का गुणगान किया जान लगा। जिन लोगों ने साम्राज्यवाद का विरोध करते हुए राष्ट्रवादी आंदोलनों में भाग लिया था। राष्ट्रवादी नेता फान बोई चाऊ ने 1913 में ट्रंग बहनों के जीवन पर एक नाटक लिखा। इन बहनों ने वियतनाम पर चीनी आधिपत्य के विरुद्ध होने वाले युद्ध में भाग लिया। युद्ध में पराजय निकट देखकर इन लोगों ने हथियार डालने की बजाय आत्महत्या कर ली। इस नाटक ने वियतनामी समाज पर गहरा प्रभाव डाला। ट्रंग बहने वीरता और देशभक्ति की प्रतीक बन गई। ट्रंग बहनों के समान त्रियुआयू का भी महिमागान किया गया। उसे देश के लिए शहीद होनेवाली देवी के रूप में प्रस्तुत किया गया। इससे वियतनामी स्त्रियों के ऊपर गहरा प्रभाव पड़ा। इनसे प्रेरणा लेकर बड़ी संख्या में स्त्रियाँ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगी।

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