‘शास्त्रकाराः’ पाठ के आधार पर शास्त्र की परिभाषा दें।
‘शास्त्रकाराः’ पाठ के आधार पर शास्त्र की परिभाषा दें।
उत्तर-सांसारिक विषयों से आसक्ति या विरक्ति, स्थायी, अस्थायी या कृत्रिम उपदेश जो लोगों को देता है उसे शास्त्र कहते हैं । यह मानवों के कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कराता है । यह ज्ञान का शासक है। आजकल अध्ययन विषय को भी शास्त्र कहा जा सकता है। पाश्चात्य देशों में अनुशासन को ही शास्त्र कहते हैं।
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