सतत पोषणीय विकास क्या है? लिखें।

सतत पोषणीय विकास क्या है? लिखें।

उत्तर ⇒ सतत पोषणीय विकास एक ऐसा विकास है जिसमें भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की पूर्ति को ध्यान में रखते हए वर्तमान पीढी अपनी आवश्यकता पूरी करे ऐसा न हो कि आर्थिक विकास की लालसा में प्राकृतिक संसाधनों का अँधाधुंध दोहन किया जाय। अधिक-से-अधिक उत्पादन के लिए कोयला, पेट्रोलियम कोअधिक-से-अधिक निकाला जाय और भविष्य के लिए कुछ बचे ही नहीं।इस संबंध में भारत और विशेष कर बिहार के संदर्भ में सतत पोषणीय विकास के अंतर्गत निम्न सुझाव समय के अनुकूल है –

(i) नहरी क्षेत्रों में अधिक सिंचाई पर बल नहीं दिया जाना चाहिए इससे पानी की बर्बादी और भूमि की उर्वरता घट जाती है।
(ii) कम वर्षा वाले क्षेत्रों में चना, बाजरा, मूंग की खेती करनी चाहिए। असमतल भमि को समतल बनाकर खेती करनी चाहिए। इसमें जल की आवश्यकता कम होती है।
(iii) सिंचाई के लिए नई तकनीक को अपनाया जाना चाहिए।
(iv) खनिज संपदा एवं खनिज तेल निकालने में आधुनिक उपक्रम एवं नई तकनीक प्रयोग में लाना चाहिए ताकि निकालने के क्रम में कम-से-कम , बर्बादी हो।
(v) वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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