साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रिया विधि समझाएँ।
साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रिया विधि समझाएँ।
उत्तर ⇒ साबुन सफाई करने की विशेष प्रणाली पर आधारित होते हैं। इनमें ऐसे अणु होते हैं जिसके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते हैं। जल में घुलनशील एक सिरे को हाइड्रोफिलिक कहते हैं। हाइड्रोकार्बन में विलयशील दूसरे सिरे को हाइड्रोफोबिक कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने को ऐसे व्यवस्थित कर
लेते हैं कि इसका आयोनिक सिरा जल के भीतर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूँछ (दूसरा छोर) जल के बाहर होता है। जल के अंदर इन अणुओं की विशिष्ट व्यवस्था होती है जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा समूह (कलस्टर) बनने के कारण होता है। यह हाइड्रोफोबिक पूँछ कलस्टर के भीतरी हिस्से में होता है जबकि उसका आयनिक सिरा कलस्टर की सतह पर होता है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं । मिसेल के रूप में साबुन सफाई करने में सक्षम होता है। तैलीय मैल मिसेल के केन्द्र में एकत्र हो जाते हैं। मिसेल, विलयन में कोलॉइड के रूप में बने रहते हैं तथा आयन-आयन विकर्षण के कारण वे अवक्षेपित नहीं होते। इस प्रकार मिसेल में तैरते मैल आसानी से हटाये जा सकते हैं। साबुन के मिसेल इससे प्रकाश को प्रकीर्णित कर सकते हैं। जिसके कारण साबुन का घोल बादलं जैसा दिखता है।