स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना क्यों आवश्यक है ?

स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर⇒ स्तनधारी तथा पक्षियों का हृदय चार वेश्मी होता है। ऊपरी दो कक्ष दायाँ व बायाँ अलिन्द तथा निचले दोनों कक्ष दाहिना व बायाँ निलय कहलाते हैं। दाहिने अलिन्द में शरीर से आनेवाला अशुद्ध रुधिर एकत्र होता है जबकि बाएँ अलिन्द में फेफड़ों से आनेवाला शुद्ध रक्त एकत्र होता है। इस प्रकार से शुद्ध रुधिर व अशुद्ध रुधिर आपस में मिल नहीं पाते। रुधिर के दोनों प्रकार के न मिलने से ऑक्सीजन का वितरण सही तरीके से संभव हो पाता है। इस प्रकार का रुधिर संचरण विशेष रूप से उन जंतुओं के लिए अधिक लाभदायी है जिन्हें दैनिक कार्यों के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा की अधिक आवश्यकता शरीर के तापक्रम को सम बनाए रखने के लिए होती है।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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