स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है ?

स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है ?

उत्तर⇒ वायुमंडल में वायु के अणु तथा अन्य सूक्ष्म कणों का साइज दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य के प्रकाश की अपेक्षा नीले वर्ण की ओर के कम तरंगदैर्घ्य को प्रकीर्णित करने में अधिक प्रभावी है। लाल वर्ण के प्रकाश की तरंगदैर्घ्य नीले प्रकाश की अपेक्षा लगभग 1.8 गुनी है। अतः जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है तो वायु के सूक्ष्मकण लाल रंग की अपेक्षा नीले रंग को अधिक प्रबलता से प्रकीर्ण करते हैं। प्रकीर्णित हुआ नीला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है। इसी कारण स्वच्छ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है। अगर पृथ्वी पर वायुमंडल नहीं होता तो कोई प्रकीर्णन नहीं होता और आकाश काला प्रतीत होता।
अत्यधिक ऊँचाई पर अन्तरिक्ष में उड़ते हुए यात्रियों को आकाश काला प्रतीत होता है, क्योंकि इतनी ऊँचाई पर वायुमंडल की कमी के कारण प्रकीर्णन सुस्पष्ट नहीं हो पाता है।

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