‘अंग्रेजी रुचि, गृह, सकल वस्तु देस विपरीत’ की व्याख्या करें।
‘अंग्रेजी रुचि, गृह, सकल वस्तु देस विपरीत’ की व्याख्या करें।
उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति हिन्दी साहित्य की पाठ्य-पुस्तक के कवि ‘प्रेमघन’ जी द्वारा रचित ‘स्वदेशी’ पाठ से उद्धत है। इसमें कवि ने कहा है कि भारत के लोगों से स्वदेशी भावना लुप्त हो गई है। विदेशी भाषा, रीति-रिवाज से इतना स्नेह हो गया है कि भारतीय लोगों का रुझान स्वदेशी के प्रति बिल्कुल नहीं है। सभी ओर मात्र अंग्रेजी का बोलबाला है।
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