आकलन का क्या अर्थ है ?
आकलन का क्या अर्थ है ?
उत्तर-आकलन का अर्थ ‘आकलन’ दो शब्दों से मिलकर बना है-‘मूल्य’ और ‘अंकन’। इस प्रकार आकलन का शाब्दिक अर्थ हुआ छात्र के गुण-दोषों की व्याख्या करके उसके सम्बन्ध में उचित निर्णय करना अथवा उसके यथार्थ मूल्य का निर्धारण करना।
बालक को जो शिक्षा दी जाती है, उसके कुछ उद्देश्य होते हैं। ये उद्देश्य जितने स्पष्ट होते हैं, शिक्षक को शिक्षा देने में उतनी ही सफलता मिलती है। आकलन से हमारा तात्पर्य यह पता लगाना है कि कोई वस्तु मात्रा में कितनी अधिक या कितनी कम है अथवा कितनी विस्तृत या संक्षिप्त है? यह बात प्रत्येक प्रकार के आकलन के सम्बन्ध में कही जा सकती है। इस प्रकार आकलन का अर्थ यह हुआ कि हमें यह ज्ञात हो कि जो कार्य हम कर रहे हैं, उसका मूल्य क्या है ?
उपर्युक्त विवेचन के आधार पर कहा जा सकता है कि आकलन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी कार्य का मूल्य निश्चित किया जाता है। हम प्रत्येक की योग्यता का आकलन कर सकते हैं। इस सम्बन्ध में थॉनडाइक (Thorndike) का कथन है— “जिस वस्तु का भी अस्तित्व है, उसका किसी-न-किसी मात्रा में अस्तित्व होता है और जो कुछ भी जिस मात्रा में विद्यमान है, उसका मापन किया जा सकता है।” थानडाइक के कथन का आशय यह है कि हम किसी-नकिसी प्रकार प्रत्येक वस्तु का मापन कर सकते हैं, परन्तु वह किसी भी मात्रा में विद्यमान अवश्य हो। इसी कारण हर प्रकार की योग्यता का आकलन किया जा सकता है। जहाँ तक बालकों को योग्यता के आकलन का सम्बन्ध है, यह सीमा विस्तृत होती है। आकलन में व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और सामाजिक आदि सभी गुणों की परीक्षा सम्मिलित होती है।
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