कैरीबियाई क्षेत्र में काम करनेवाले गिरमिटिया मजदूरों की जिंदगी पर प्रकाश डालें। अपनी पहचान बनाए ररने के लिए उन लोगों ने क्या किया ?

कैरीबियाई क्षेत्र में काम करनेवाले गिरमिटिया मजदूरों की जिंदगी पर प्रकाश डालें। अपनी पहचान बनाए ररने के लिए उन लोगों ने क्या किया ?

उत्तर ⇒ भारत से अधिकतर गिरमिटिया मजदूरों को कैरीबियाई द्वीप समूह में स्थित त्रिनिदाद, गुयाना और सूरीनाम ले जाया गया। बहुतेरे जमैका, मॉरीशस एवं फिजी भी ले जाए गए। गिरमिटिया मजदूर सुखी-संपन्न जीवन की उम्मीद में अपना घर द्वार छोड़कर काम करने जाते थे। कार्यस्थल पर पहुँचकर उनका स्वप्न भंग हो जाता था। बागानों अथवा अन्य कार्यस्थलों का जीवन कष्टदायक था। उनके रहने खाने का समुचित प्रबंध नहीं था। उन पर विभिन्न प्रकार की बंदिशें लगाई गई थी। अनुबंध के द्वारा उन्हें एक प्रकार से दासता की जंजीरों में जकड़ दिया गया था। उन्हें न तो किसी प्रकार की स्वतंत्रता थी और न ही कोई कानूनी अधिकार। इस स्थिति में रहते-रहते अप्रवासी भारतीय श्रमिकों ने जीवन की राह ढूँढी जिससे वे सहजता से नए परिवेश में खप सकें। इसके लिए उन लोगों ने अपनी मूल संस्कृति के तत्त्वों तथा नए स्थान के सांस्कृतिक तत्त्वों का सम्मिश्रण कर एक नई संस्कृति का विकास कर लिया। इसके द्वारा उन लोगों ने अपनी व्यक्तिगत और सामूहिक पहचान बनाए रखने का प्रयास किया।

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