दही वाली मंगग्मा कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
दही वाली मंगग्मा कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- मंगमा अवलूर के समीप वेंकटपुर के रहनेवाली थी | और रोज दही बेचने बेंगलूर आती थी। मंगम्मा का पति नहीं था | और बेटा-बहू से गृह-कलह के कारण अलग हो गई। प्रत्यक्ष में तो झगड़े का कारण पोते की पिटाई थी | किन्तु मूल रूप में सास-बहू की अधिकार सम्बन्धी ईष्र्या थी। औरत को अकेली जानकर कुछ अवांछित तत्व के लोग उसके धन और प्रतिष्ठा पर भी आँखें उठाते । रंगप्पा भी ऐसा ही किया| जिसे बहू की पैनी निगाहों ने ताड़ लिया। उसने पोते को उसके पास भेजने का एक नाटक किया। अब मंगम्मा पोत के लिए मिठाई भी बाजार से खरीदकर ले जाने लगी ।
एक दिन कौवे ने उसके माथे से मिठाई का दोना ले उडा। अंधविश्वास के कारण मंगम्मा भयभीत हो उठी। | बहू के द्वारा नाटकीय ढंग से पोते को दादी के पास भेजने का बहू का मंत्र – बड़ा कारगर हुआ । दूरी बढ़ने से भी प्रेम बढ़ता है। मानसिक तनाव घटता है। हुआ भी ऐसा ही । मंगम्मा को भी बहू में सौहार्द| बेटे और पोते में स्नेह नजर आने लगी। बड़े-बूढों ने भी समझाया। बहू ने मंगम्मा का काम अपने जिम्मे ले लिया। बहू ने बड़ी कुशलता से पुन: परिवार में शान्ति स्थापित कर लिया और पूर्ववत रहने लगी।
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here