धातुओं का परिष्करण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर⇒ अपचयन प्रक्रम से प्राप्त धातुएँ शुद्ध नहीं होती हैं। इनमें अपद्रव्य होती हैं। शुद्ध धातु की प्राप्ति इन अपद्रव्यों को धातु से हटाकर किया जाता है। अत: अशुद्ध धातुओं से अपद्रव्यों को हटाना धातुओं का परिष्करण कहा जाता है।
