नागरी की उत्पत्ति के संबंध में लेखक का क्या कहना है ? पटना से नागरी का क्या संबंध लेखक ने बताया है ?
नागरी की उत्पत्ति के संबंध में लेखक का क्या कहना है ? पटना से नागरी का क्या संबंध लेखक ने बताया है ?
उत्तर :- यह मान्य है कि नागरी लिपि किसी नगर अर्थात् किसी बड़े शहर से संबंधित है । ‘पादताडितकम्’ नामक एक नाटक से जानकारी मिलती है कि पटलीपुत्र अर्थात् पटना को नगर नाम से पुकारते थे। अतः इम यह भी जानते हैं कि स्थापत्य की उत्तर भारत की एक विशेष शैली को नागर शैली कहते हैं । अत: नागर या नागरी शब्द उत्तर भारत के किसी बड़े नगर से संबंध रखता है। विद्वानों के अनुसार उत्तर भारत का यह बड़ा नगर निश्चित रूप से पटना ही होगा। चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम देव था। इसलिए गुणों की राजधानी पटना को देवनगर भी कहा जाता था । देवनगर की लिपि होने से उत्तर भारत की प्रमुख लिपि को बाद में देवनागरी नाम दिया गया था।
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