‘नागरी लिपि’ पाठ का सारांश लिखें।

‘नागरी लिपि’ पाठ का सारांश लिखें।

अथवा, देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ?

उत्तर :- हिन्दी तथा इसकी विविध बोलियाँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं।नेपाली, जेवारी और मराठी की लिपि भी नागरी है। संस्कृत और प्राकृत की पुस्तक भी देवनागरी में ही प्रकाशित होती है। गुजराती हापि भी देवनागरी से बहुत भिन्न नहीं। बंगला लिपि भी प्राचीन नागरी लिपि की वहन ही है। सच तो यह है कि दक्षिण भारत की अनेक लिपियाँ नागरी की भाँति ही प्राचीन ब्राहमो से विकसित हैं। बारहवीं सदी के श्रीलंका के शासकों के सिक्के पर भी नगई अवर मिलते हैं महमूट गजनवी, मुहम्मद गोरी, अलाउदीन खिलजी, शेरशाह ने भी अपने नाम नागरी में खुदवाए हैं और अकबर के सिक्के में भी ‘रामसीय’ शब्द ऑकत है। वस्तुतः ईसा की आठवीं-नौवीं सदी से नागरी लिपि का प्रचलन सारे देश में था। नागरी नाम को लेकर तरह तरह के विचाः हैं। किन्तु इतना निश्चित है कि ‘नागरी’ शब्द किसी बड़े नगर से संबंधित है। कशी को देवनगर कहते थे, हो सकता है, वहाँ प्रयुक्त लिपि का नाम ‘देवनागरी’ पड़ा हो। बैस, गुप्तों की राजधानी पटना भी ‘देवनगर’ थी इसके नाम पर यह नामकरण हो सकता है। जो भी हो, यह नगर-विशेष की लिपि नहीं थी। आठवीं-ग्यारहवीं सदी में यह सार्वदेशिक लिपि थी। नागरी लिपि के साथ अनेक प्रादेशिक भाषाएँ जन्म लेती हैं, यथा, मराठी, बंगला आदि। नागरी लिपि के लेख न कंवल पश्चिम तथा पूर्व बल्कि सूदूर दक्षिण से भी मिले हैं।

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Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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