निबंध के आधार पर काल-क्रम से नागरी लेखों से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें ।
निबंध के आधार पर काल-क्रम से नागरी लेखों से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें ।
उत्तर :- निबंध के आधार पर कालक्रम से नगरी लेखों से संबंधित प्रमाण इसप्रकार मिलते हैं-11वीं सदी में राजेन्द्र जैसे प्रतापी चेर राजाओं के सिक्कों पर नागर अक्षर देखने को मिलते हैं। 12वीं सदी के केरल के शसकों के सिक्कों पर ‘वीर केरलस्य’ जैसे शब्द नागरी लिपि में अंकित हैं। दक्षिण से प्राप्त वरगुण क पलयम ताम्रपत्र भी नागरी लिपि में 9वीं सदी की है। 1000 ई० के आस-पास मालवा नगर में नागर लिपि का इस्तेमाल होता था। विक्रमादित्य के समय पटना में देवनागरी का प्रयोग मिलता है। ईसा की 8वीं से 11वीं सदियों में नागरी लिपि पूरे भारत में व्याप्त थी। 8वीं सदी में दोहाकोश की तिब्बत से जो हस्तलिपि मिली है, वह नागरी लिपि में है। 754 ई० में राष्ट्रकूट राजा दंतिदुर्ग का दानपत्र नागरी लिपि में प्राप्त हुआ है। 850 ई० में जैन गणितज्ञ महावीराचार्य के गणित सार-संग्रह की रचना मलती है जो नागरी लिपि में है।
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