निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य स्पष्ट करे :
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य स्पष्ट करे :
“धूप में वारिश में; गर्मी में सर्दी में
हमेशा चौकन्ना; अपनी खाकी वर्दी में”
उत्तर :- कवि ने इन पंक्तियों में एक बूढ़ा वृक्ष को युगों-युगों का प्रहरी मानते हुए सभ्यता-संस्कृति की रक्षा हेतु मानव को जगाने का प्रयास किया है। कवि की कल्पना ने वृक्ष को अभिभावक, चौकीदार, पहरुआ के रूप में चित्रित कर मानवीयता प्रदान किया है। इसमें वृक्ष की चेतनता, कर्तव्यनिष्ठता एवं आत्मीयता दर्शाई गई है।
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