पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में क्या अन्तर है?
पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में क्या अन्तर है?
उत्तर— पाठ्यचर्या एवं पाठ्यक्रम में अन्तर निम्नलिखित तालिका से स्पष्ट है—
पाठ्यचर्या (Syllabus)—
1. पाठ्यचर्या का क्षेत्र अत्यन्त संकुचित होता है।
2. पाठ्यचर्या को पाठ्यक्रम का एक अंग कह सकते हैं।
3. पाठ्यचर्या में विद्यार्थियों के बोध का विकास न होकर रटने की प्रवृत्ति का विकास होता है।
4. पाठ्यचर्या में विद्यार्थी के ज्ञानात्मक पक्ष पर बल दिया जाता है।
5. पाठ्यचर्या से केवल सैद्धान्तिक ज्ञान प्रदान किया जा सकता है।
6. पाठ्यचर्या विद्यार्थियों की अपेक्षा विषय सामग्री को अधिक महत्व होता है।
7. पाठ्यचर्या का मुख्य आधार विद्यार्थियों की आवश्यकताएँ होती हैं।
8. पाठ्यचर्या विद्यार्थी के व्यवहार में समुचित परिवर्तन नहीं कर सकती है।
9. पाठ्यचर्या केवल शाब्दिक एवं पुस्तकोन्मुख होती है।
10. पाठ्यचर्या का उदेश्य केवल पाठ्य सामग्री के सन्तुलन तक सीमित है।
पाठ्यक्रम (Curriculum)—
1. पाठ्यक्रम का क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत होता है।
2. पाठ्यक्रम एक समूची शिक्षण सामग्री है।
3. पाठ्यक्रम विद्यार्थियों की समझ (बोध) को विकसित करता है।
4. पाठ्यक्रम में ज्ञानात्मक, भावनात्मक और क्रियात्मक तीनों पक्ष समाहित होते हैं ।
5. पाठ्यक्रम में सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ-साथ विद्यार्थियों की रुचियों और अभिवृत्तियों का भी उचित ध्यान रखा जाता है।
6. पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को विशेष महत्व की प्राप्ति होती है।
7. पाठ्यक्रम का मुख्य आधार दर्शन, शैक्षिक मूल्य एवं लक्ष्य होते हैं ।
8. पाठ्यक्रम से विद्यार्थी के व्यवहार में समुचित परिवर्तन संभव होता है।
9. पाठ्यक्रम में पाठ्यचर्या, पाठ्य सहायक – क्रियाएँ तथा शैक्षिक पर्यावरण शामिल होता है।
10. पाठ्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न विषयों को समाहित करके संतुलन बनाना है।
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