पाठ्यक्रम सहगामी प्रवृत्तियों द्वारा छात्रों में किन गुणों का विकास सम्भव है ?
पाठ्यक्रम सहगामी प्रवृत्तियों द्वारा छात्रों में किन गुणों का विकास सम्भव है ?
उत्तर – पाठ्यक्रम सहगामी प्रवृत्तियों द्वारा छात्रों में निम्न गुणों का विकास संभव है—
(1) शिक्षकों के साथ मित्रता एवं सम्मान की भावना का विकास।
(2) निःस्वार्थ सेवा भाव, धैर्य, सहनशीलता, एक-दूसरे के प्रति विश्वास की भावना का विकास करना ।
(3) बालकों की मूल प्रवृत्तियों का विकास करना ।
(4) मनोरंजन प्रदान करना ।
(5) सृजनकारी अभिवृत्ति, अनुशासन की भावना विकसित करना ।
(6) व्यक्तिगत संतुष्टि एवं अवकाश के समय का सदुपयोग
करना।
(7) करके सीखने का सिद्धान्त व्यवहार में लेना ।
(8) जो ज्ञान एवं सूचनाएँ सामान्य पाठ्यक्रम से नहीं मिले उसे पाठ्य सहगामी क्रियाओं द्वारा प्राप्त करना ।
(9) अधिगम को सोद्देश्य बनाना ।
(10) बालक के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना ।
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