जेण्डर का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए।

जेण्डर का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए।

उत्तर- जेण्डर का अर्थ लिंग मुख्यतः किसी भी समाज का सबसे महत्त्वपूर्ण सैद्धान्तिक संगठन है। मानव का जन्म दो रूपों में होता है–स्त्री एवं पुरुष। इन्हें प्रारम्भिक अवस्था में बालक एवं बालिका अथवा लड़का तथा लड़की कहा जाता है। बालक एवं बालिकाओं की शारीरिक संरचना में विभेद पाया जाता है धीरे-धीरे दोनों की रुचियों, अभिवृत्तियों एवं क्रियाकलापों में भी विभिन्नता दृष्टिगोचर होती है। वैयाकरणों द्वारा लिंग को यह कहकर परिभाषित किया गया है कि जिस शब्द से स्त्री या पुरुष होने का बोध हो उसे लिंग कहते हैं।

परिभाषाएँ—विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएँ निम्नलिखित
वैस्ट तथा जिम्मरमैन के अनुसार—”लिंग एक व्यक्तिगत लक्षण नहीं है। यह सामाजिक परिस्थितियों का एक उद्गामी लक्षण है एवं समाज के मौलिक विभाजन का एक तर्कसंगत साधन है।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार– “लिंग पुरुषों एवं महिलाओं के लिए सामाजिक संरचित भूमिकाओं, व्यवहारों, गतिविधियों एवं लक्षणों की एक प्रदत्त समाज में उपयुक्त व्यवस्था है जबकि सेक्स तथा इससे सम्बन्धित जैविक प्रकार्य आनुभाविक रूप से अभिक्रमित है।”

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