प्रकृतिवाद के मूल सिद्धान्त कौन-कौनसे हैं ?

 प्रकृतिवाद के मूल सिद्धान्त कौन-कौनसे हैं ? 

उत्तर— प्रकृतिवाद के मूल सिद्धान्त निम्नलिखित हैं—

(1) प्रकृति अंतिम वास्तविकता है। सभी चीजें पदार्थ से उत्पन्न हुई है, सभी को अन्ततः पदार्थ के लिए कम किया जाना है। पदार्थ अलग-अलग रूप लेता है।
(2) मन मस्तिष्क का कार्य है और मस्तिष्क पदार्थ है।
(3) सभी प्रकार की मानसिक गतिविधियाँ कल्पना, सोच, तर्क आदि मस्तिष्क के कार्य है।
(4) सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड प्रकृति के नियमों द्वारा संचालित होता है जो कि अपरिवर्तनीय है । विज्ञान प्रकृति के रहस्यों को प्रकट करता है। इसलिए केवलं वह ज्ञान सत्य है जो विज्ञान से लिया गया है ।
(5) कोई ईश्वर या आत्मा नहीं है इसलिए कोई धर्म नहीं कोई उच्च या शाश्वत मूल्य नहीं है । मानव जीवन का कोई आध्यात्मिक लक्ष्य या आदर्श नहीं है। मनुष्य स्वयं इस वातावरण के साथ बातचीत में मूल्यों का निर्माण करता है जिसमें उसे रखा गया है।
(6) “प्रकृति का पालन करें। शिक्षा में प्रकृतिवाद का सबसे बड़ा नारा है। “
(7) बच्चा शिक्षा प्रद प्रक्रिया में केन्द्रीय स्थिति पर कब्जा कर लेता है। बच्चे को उसकी प्रकृति के अनुसार शिक्षित किया जाना चाहिए।
(8) प्रकृतिवादी शिक्षा में स्वतंत्रता की वकालत करते हैं। प्रकृतिवादी मानते हैं कि केवल स्वतंत्रता के तहत बच्चा का अपना प्राकृतिक तरीके से विकसित हो सकता है।
(9) वृत्ति शिक्षा का मुख्य साधन होना चाहिए।
(10) संस्कार ज्ञान के द्वार है वास्तविक ज्ञान इन्द्रियों के माध्यम से आता है इसलिए प्रभावी सीखने के लिए संवेदी अनुभव प्रदान किये जाने चाहिए।
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