‘बाल केन्द्रित शिक्षण’ से आप क्या समझते हैं ?
‘बाल केन्द्रित शिक्षण’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर— सामान्य शब्दों में प्राथमिक स्तर तक के विद्यालयों में बालकों को दी जाने वाली शिक्षा को ही बाल केन्द्रित शिक्षा कहा जाता है अर्थात् बालक को जब सामान्य रूप से बोलना, वस्तुओं को पहचानना और जिज्ञासा जागृत होने की स्थिति में जो शिक्षण दिया जाता है वह ‘बाल केन्द्रित शिक्षण’ कहलाता है। बाल केन्द्रित शिक्षण वह होता है जिसमें छात्र शिक्षक सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण रहते हैं तथा इस शिक्षण में दृश्यश्रव्य साधनों का प्रयोग होता है। इसमें ज्यादातर मनोवैज्ञानिक विधि से अध्यापन होता है। इसमें बालकों की बुद्धि, अभिरुचि और मनोवृत्ति के अनुसार शिक्षण दिया जाता है। बाल केन्द्रित शिक्षण का आशय ऐसी शिक्षा से है जिसमें समस्त शैक्षिक गतिविधियों का केन्द्र बालक होता है । बालक अपने पूर्वानुभव के आधार पर समस्याओं का हल निकालकर आत्मविश्वासी व स्वावलम्बी बनता है।
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