बिहार के कृषि-आधारित किसी एक उद्योग (चीनी उद्योग) के विकास एवं वितरण पर प्रकाश डालिए।
बिहार के कृषि-आधारित किसी एक उद्योग (चीनी उद्योग) के विकास एवं वितरण पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-बिहार में कृषि पर आधारित उद्योग में चीनी उद्योग का स्थान प्रमुख है। बीसवीं सदी के मध्य तक भारत में चीनी उद्योग के क्षेत्र में बिहार का महत्त्वपूर्ण स्थान था। 1960 ई० के बाद उस उद्योग में ह्रास होने लगा और अब यह सातवें स्थान पर है। भारत की पहली चीनी मिल डच कंपनी द्वारा 1840 ई० में बेतिया में स्थापित किया गया था। पूर्व में यहाँ चीनी की मिलों की संख्या 29 थी परंतु 2006 07 ई० में घटकर केवल 09 रह गई है। वर्तमान समय में चीनी का कुल उत्पाद 4.52 मीट्रिक टन है। बिहार में चीनी की अधिकतर मिलें उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में है। पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सिवान, गोपालगंज तथा सारण जिला में चीनी की मिलें केंद्रित है क्योंकि यह क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूल है। दरभंगा तथा मुजफ्फरपुर जिले में भी कुछ मिलें हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के दक्षिणी भाग में विक्रमगंज, बिहटा और गुरारू में भी चीनी मिलें हैं।
राज्य में चीनी उत्पादन को बढ़ाने के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में विशेष बल दिया गया है। बंद चीनी मिलों को पुनः चालू करने के लिए कार्यक्रम बनाया गया है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि ग्यारह बंद चीनी मिलों का परिचालन की जिम्मेवारी रिलायन्स, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों को दे दी जायेगी।