बिहार के जल मार्ग पर अपना विचार प्रस्तुत करें।
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उत्तर-बिहार एक भू-आवेशित राज्य होने के कारण इसका सम्पर्क समुद्री मार्ग से नहीं है। यहाँ जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया गया है। गंगा, घाघरा, कोसी, गंडक और सोन नदियाँ मख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग में लायी जाती है। घाघरा नदी से खाद्यान्न, गण्डक से लकड़ी फल, सब्जी, सान से बालू और पुनपुन नदी से बाँस ढोया जाता है। वर्तमान समय में जल परिवहन के लिए स्टीमर बड़ी-बड़ी नावें कार्यरत हैं।
गंगा नदी में हल्दिया इलाहाबाद राष्ट्रीय जल मार्ग का विकास किया गया है। हाल में ही महेन्द्र घाट के पास एक राष्ट्रीय पोत संस्थान की स्थापना की गई है। बिहार में नदियों से संबंधित सिंचाई योजना के अंतर्गत नहरों के निर्माण में जल मार्ग के विकास की संभावनाएँ हैं। नहरों से परिवहन के लिए कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है।