बिहार के औद्योगिक विकास की संभावना पर अपना विचार प्रस्तुत करें।
बिहार के औद्योगिक विकास की संभावना पर अपना विचार प्रस्तुत करें।
उत्तर-बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ खनिज संपदा की कमी है। इसलिए यहाँ खनिज पर आधारित उद्योग का विकास बहुत अधिक नहीं किया जा सकता है। हाँ, कृषि से उत्पादित कच्चा माल और शक्ति के साधनों की कमी नहीं है। बिहार में गन्ना और जूट आदि का प्रमुख क्षेत्र है। शक्ति के साधनों के रूप में नदी घाटियाँ जल शक्ति प्रदान करने में सक्षम हैं। घनी जनसंख्या मिलने के कारण श्रमिकों का अभाव नहीं है। इसलिए बिहार में कृषि उत्पाद पर आधारित उद्योग को बढावा दिया जा सकता है। इस प्रकार हल्के उद्योगों में चीनी, सिगरेट, अभ्रक की छिलाई और वन उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
घरेलू उद्योग के रूप में चावल तैयार करने, दाल तैयार करने, तेल निकालने, रस्सी बनाने, बीड़ी बनाने, मधुमक्खी पालने, लाह तैयार करने और रेशम के कीडे पालने जैसे उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त प्लास्टिक उद्योग, पेट्रो रसायन पदार्थ, गन्ने की खोई से कागज बनाने का उद्योग, धान की भूसी से बिजली उत्पादन करने की बड़ी सम्भावनाएँ हैं। सती वस्त्र उद्योग को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। सरकार को इस दिशा में विचार करते हुए सहयोग करना चाहिए। जिससे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।