भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में औद्योगिक एवं आर्थिक विकास तेजी है। अत: आज भारत का व्यापारिक संबंध विश्व के अनेक देशों के साथ गहरा है जो आर्थिक विकास के साथ लगातार विकसित होता जा रहा है। भारत का 1950-51 में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार 1,214 करोड़ रुपये का हुआ था जो 2007-08 में बढ़कर 16,053022 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। परंतु यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि व्यापार में वृद्धि के बावजूद निर्यात की दर आयात की अपेक्षा घट गया है। यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, प्रतिकल व्यापार संतुलन का द्योतक है जो देश के हित में नहीं है। फिर भी इन दिनों भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। जिसके परिणामस्वरूप सूचना-प्रौद्योगिकी के व्यापार से भी भारत अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।