मध्यप्रदेश की प्रमुख गुफाएँ

मध्यप्रदेश की प्रमुख गुफाएँ

क्रमांक गुफाएं/mp ki gufayen स्थान
1. भीमबेटका की गुफाएं ओबेदुल्लागंज (रायसेन जिला)
2. भृतहरि की गुफाएं उज्जैन
3. उदयगिरि की गुफाएं विदिशा
4. चंद्रशेखर आजाद गुफा टीकमगढ़
5. जामवंत गुफा सत्यनगरी (देवास)
6. पहाड़गढ़ की गुफाएं मुरैना
7. काजलरानी की गुफाएं मान्धाता (खंडवा)
8. लोहानी गुफा धार
9. बाघ की गुफाएं धार
10. खंडगिरि की गुफाएं विदिशा
11. आदमगढ़ की गुफाएं होशंगाबाद
12. पांडव गुफाएं पचमढ़ी (होशंगाबाद जिला)
13. राधादेवी की गुफाएं छिंदवाड़ा
14. मृगेन्द्रनाथ की गुफाएं पाटनीग्राम (रायसेन)
15. गोविंदा भागवतपाद गुफाएं ओम्कारेश्वर (खंडवा)
16. देवनाला की गुफाएं डिंडोरी
17. सारा – मारू की गुफाएं पान गुराड़िया (सीहोर)
18. झिंजरी गुफाएं कटनी
19. सात कोठरी गुफाएं धार
20. बिलौवा की गुफाएं ग्वालियर
21. रॉकशेल्टर की गुफाएं सागर
22. आबचन्द की गुफाएं सागर
23. लखवारिया गुफा शहडोल
24. शंकराचार्य की गुफाएं ओम्कारेश्वर (खंडवा)
25. जटाशंकर की गुफाएं पचमढ़ी (होशंगाबाद)
26. माडा गुफाएं सिंगरौली
27. सिद्धबाबा की गुफाएं निवाड़ी
28. लिखीछाज गुफा करसा
29. लिखी दांत गुफा चंदेरी
30. धर्मराजेश्वर की गुफाएं मंदसौर
31. रीचगढ़ की गुफाएं सतपुड़ा नेशनल पार्क
32. खेजड़िया भोप की गुफाएं गांधी सागर (मन्दसौर)
33. धमनार की गुफाएं मंदसौर
34. सिद्धचल जैन मंदिर की गुफाएं ग्वालियर
35. कबरा गुफा राजगढ़
36. कलिया देह उज्जैन
37. बांधवगढ़ की गुफाएं बांधवगढ़ नेशनल पार्क

भीमबेटका की गुफाएं

भीमबेटका की गुफाएं भीम से संबंधित हैं जिस कारण इसका नाम भीम बेटिका पड़ा यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में हिंदुओं की गुफाएं चारों तरफ से विंध्य पर्वत मालाओं से गिरी हुई है जिनका संबंध नवपाषाण काल से है .

भीमबेटका की गुफाएं मानव द्वारा बनाए गए शैल चित्रों ऒर शैलाश्रय के लिए फेमस है भीम बेटिका गुफाओं में अधिकांश तस्वीर लाल और सफेद रंग की है

इसके साथ कभी कभार पीले और हरे रंग के बिंदुओं से सजी हुई है जिनमें दैनिक जीवन की घटनाओं से ली गई विषय वस्तु है चित्र थे जो हजारों साल पहले का जीवन दर्शाती है।

भीमबेटका विश्व का सबसे बड़ा गुफा समूह है और भीम बेटिका को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल कर लिया है।

उदयगिरि की गुफाएं

उदयगिरि की गुफाएं मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित है यहां पर 20 गुफाएं हैं जो हिंदू और जैन मूर्ति कारी के लिए फेमस है मूर्तियां विभिन्न पौराणिक कथाओं से संबंधित है और अधिकांश गुप्तकालीन भी हैं।

भरत हरी की गुफाएं (mp ki gufayen)

यह गुफा शिप्रा नदी के तट पर उज्जैन में स्थित है इसके संबंध में यह माना जाता है कि यहां राजा भरत हरी ने तपस्या की थी यह गुफा शहर से बाहर एक सुनसान जगह में है

यहां पर एक गुफा और है जो कि पहली गुफा से छोटी है यह गोपीचंद की गुफा है जो कि भारत हरि की भतीजा था यहां की छत बड़े-बड़े पत्थरों की सहारे टिकी हुई है

गुफा के अंत में राजा भर्तहरि की प्रतिमा है गुफा में भारत हरि की प्रतिमा के सामने एक ध्वनि है जिसकी राख हमेशा गर्म रहती है

इस गुफा में भरत हरी ने 12 वर्षों तक तपस्या किया था यहां कुल 9 गुफाएं हैं यह खंडित हो चुका है

परमार वंश के शासकों द्वारा गैर वीं शताब्दी में भारत हरि के सम्मान में कालियादेह के पास इनका निर्माण करवाया गया इनके रंगीन चित्र हैं।

बाघ की गुफाएं

बाघ की गुफाएं मध्य प्रदेश में इंदौर के समीप धार में स्थित है बाघ की गुफाएं इंदौर से उत्तर पश्चिम में लगभग 90 मील की दूरी पर बाघिनी नामक छोटी सी नदी के बाएं तट पर और विंध्य पर्वत के दक्षिणी ढलान पर स्थित है

बाघ की गुफाओं की खोज वर्ष 1818 में हुई ऐसा माना जाता है कि 10 वीं शताब्दी में बौद्ध धर्म के पतन के बाद इन गुफाओं को लोगों ने भुला दिया और

फिर यहां बाघ रहने लगे इसलिए इन्हें बाघ की गुफाएं का आ गया बाघिनी नदी और बाघ गांव का नामकरण भी इस आधार पर हुआ है।

यहां पर कुल 9 गुफाएं हैं यह गुफाएं आपस में मिली हुई नहीं है अलग-अलग हैं इनमें चौथी एवं पांचवीं गुफाओं से मिला 65 मीटर लंबा बरामदा या कॉरिडोर है ।

पांडव गुफाएं

पांडव गुफाएं पचमढ़ी में स्थित हैं गुफाएं पास छोटी पहाड़ियों का समूह है ऐसा कहा जाता है कि वनवास काल के दौरान पांडवों ने यहां शरण ली थी।

पांडव गुफाएं प्राकृतिक रूप से खुदी हुई सुंदर है पांडव गुफाएं प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी होशंगाबाद जिले के अंतर्गत आता है।

शंकराचार्य की गुफाएं

शंकराचार्य की गुफाएं मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के धार्मिक स्थल ओमकारेश्वर में स्थित है

ऐसा कहा जाता है कि 7 वर्ष की उम्र में शंकराचार्य गुरु की तलाश में 2000 किलोमीटर पैदल चलकर अपने जन्म स्थान केरल के कलाड़ी से नर्मदा किनारे ओमकारेश्वर आए थे।

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