मध्य प्रदेश में शिक्षा संबंधित योजनाएँ
मध्य प्रदेश में शिक्षा संबंधित योजनाएँ
मध्य प्रदेश में शिक्षा संबंधित योजनाएँ
Education related schemes in Madhya Pradesh
राजीव गाँधी प्राथमिक शिक्षा मिशन Rajiv Gandhi Primary Education Mission
- राजीव गाँधी प्राथमिक शिक्षा मिशन 20 अगस्त 1994 को प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को विभिन्न शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से शिक्षा प्रदान कर शिक्षा का लोकव्यापीकरण किया जा रहा है। राजीव गाँधी शिक्षा मिशन एक पंजीकृत स्वायत्तशासी संस्था है। इस संस्था का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है।
शिक्षा गारण्टी योजना Education guarantee scheme
- मध्य प्रदेश में शिक्षा गारण्टी योजना 1 जनवरी वर्ष 1997 में लागू की गई।
यह योजना ऐसे स्थानों पर समुदाय की मांग पर 90 दिन के अंदर सरकार एक स्कूल आरंभ करने की गारण्टी देती है जहॉ-
- एक किमी की परिधि में प्राथमिक शिक्षाकी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
- अनुसूचित जाति, एवं अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र जहां न्यूनतम 25 बच्चे हैं।
- सामान्य क्षेत्र जहाँ न्यूनतम 40 बच्चे हैं।
- राज्य की इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा का लोक व्यापीकरण करना है। इसके तहत एक किमी के दायरे में प्राथमिक शिक्षा सुलभ कराना है।
- योजना में 95 प्रतिशत बालक-बालिकओं को यह शिक्षा मुहैया करा दी गई है। शिक्षा गारण्टी योजना को कामनवेल्थ पुरस्कार (1998) मिला है।
- राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा संचालित इस योजना के हितग्राहियों की उम्र 6-12 है।
- भारत सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान में इसे एक कार्यक्रम के रूप में शामिल किया है। राज्य के 26527 स्कूल, शिक्षा गारण्टी योजना के अंतर्गत संचालित हैं।
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
Right to Free and Compulsory Child Education Act 2009
- प्रदेश में 01 अप्रैल 2010 से यह प्रभावशील है। इसके क्रियान्वयन हेतु प्रदेश में मार्च 2011 को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2011 बनाया गया। न्यूनतम 25 प्रतिशत कोटा कमजोर वर्ग के लिए स्कूलों में आरक्षित किया गया है।
स्कूल चले हम अभियान School Chale Hum Campaign
- प्रदेश के हर बच्चे का स्कूल में प्रवेश हो तथा शाला छोड़ने की दर को कम करने के लिए म.प्र. शासन ने यह अभियान 2009-10 में लागू किया। बच्चों को सतत रूप से स्कूल आने एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हर वर्ष स्कूल चले अभियान को व्यापक जन आंदोलन के रूप में क्रियान्वयत किया जाता है।
शंखनाद योजना Shankhnand Yojna
शंखनाद योजना 26 जनवरी 1997 को प्रांरभ
- आदिवासी क्षेत्रों की विकास प्रक्रिया में विद्यालयों को भागीदार बनाने की योजना है। इसे हाईस्कूल से लेकर महाविद्यालयीन छात्रों की ‘विकास वाहिनियाँ गठित की गयी जो इन क्षत्रों में विभिन्न योजनाओं की जानकारी देगी।
पढ़ना-बढ़ना योजना Padhna Badhna Yojna
- वर्ष 2003 में म.प्र. शासन ने पढ़ना-बढ़ना योजना शुरू की है। इसके तहत 20-30 अनपढ़ जो 15-60 वर्ष आयु के होते हैं उनके लिए गुरूजी नियुक्त कर उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था की जाती है। गुरूजी को शासन प्रशिक्षण देगा, किताबें देगा। गुरूजी को प्रति शिष्य 100 रूपये वार्षिक दक्षिणा शासन द्वारा स्थापित फंड से दी जाती है।
सर्व शिक्षा अभियान Education for all campaign
वर्ष 2001 से प्रांरभ
- प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के लोक व्यापीकरण हेतु सर्व शिक्षा अभियान का क्रियान्वयन प्रदेश के समस्त जिलों में किया जा रहा है। अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है। भारत सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्ष 2001 से प्रांरभ किया गया है। सर्व शिक्षा अभियान के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय भागीदारी 75:25 के अनुपात में है।
पालक शिक्षक संघ
- शिक्षा के क्षेत्र में जनसमुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त सेकेण्ड्री स्तर की शिक्षा उपलब्ध हो सके , इस हेतु शिक्षकों एवं अभिभावकों के बीच समन्वय कर, विद्यालयों के विकास कार्यों में अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु ‘पालक शिक्षक संघ‘ गठित किये गये हैं।
ब्रिज कोर्स
- ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी उम्र के शाल के बाहर से बच्चों को एक निश्चित समय सीमा में उनकी उम्र के अनुरूप कक्षा में दर्ज कराने के लिए 473 आवासीय ब्रिज कोर्स संचालित है।
हेडस्टार्ट कार्यक्रम
- म.प्र. शासन ने सन 2000 से कक्षा आठवी तक के विद्यालयों में कम्प्युटर शिक्षा के इस कार्यक्रम को लागू किया है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा संचालित है।
कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना-2005
- यह योजना 10 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की सभी बालिकाओं को शैक्षणिक सत्र के दौरान निःशुल्क आवास (हॉस्टल) और शिक्षा दोनों सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2005 में शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत 75 प्रतिशत सीटें एसी.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. और अल्पसंख्यक समुदायों की बालिकाओं के लिये आरक्षित हैं जबकि शेष 25 प्रतिशत सामान्य वर्ग की गरीब बालिकाओं के लिये आरक्षित हैं।
कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना-2006
- यह योजना सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जनवरी 2006 में प्रारंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत 9वीं कक्षा में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को 1000 रूपए व 11वी कक्षा में प्रवेश करने वाली छात्राओं को 2000 रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
कस्तूरबा गाँधी विद्या योजना
- यह योजना 20 जुलाई 2004 को बालिकाओं का शैक्षणिक पिछड़ापन दूर करने तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व मुस्लिम समुदाय की छात्राओं को आवासीय सुविधाएँ एवं प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सभी राज्यों में लागू की गयी।
जवाहर नवोदय विद्यालय योजना
- यह योजना वर्ष 1986 में प्रांरभ की गई थी। जिसका उद्देश्य आवासीय विद्यालय के माध्यम से माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा देना है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावाी छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हैं इसमें छात्राओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है।
विद्यालय उपहार योजना (प्रणाम पाठशाला)
- यह योजना पाठशालाओं के भौतिक और अकादमिक विकास में सामाजिक सहयोग की दृष्टि से प्रारंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शासकीय विद्यालय लाभान्वित हाते हैं।
ई-बस्ता कार्यक्रम
- मध्य प्रदेश में कक्षा 1 से 12वीं तक ई-बस्ता कार्यक्रम के अंतर्गत गैर-शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वले विद्यार्थियों को ऑनलॉइन पुस्तकों की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
निःशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना
- इस योजना का प्रारंभ जून 2017 में मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत किया गया। इस योजना के अनुसार, प्रदेश में कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान एवं वाणिज्य संबंधी पाठ्य पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं।
निःशुल्क साइकिल प्रदाय योजना
- वर्ष 2016-17 में साइकिल प्रदाय योजना प्रारंभ की गईं इस योजना के अंतर्गत उन ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ शासकीय विद्यालय नहीं हैं वहाँ 9वीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इस योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा।
मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना
- राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2009-10 से मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की गई है। शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में अध्यनरत 12वी में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को कम्प्यूटर क्रय हेतु 25000 प्रति छात्र के मान से प्रदाय की जाती है। यह प्रोत्साहन राशि वर्ष 2009-10 से सतत प्रदाय की जा रही है।
छात्रवृत्ति/शिष्यवृत्ति प्रोत्साहन योजना
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2008-2009 से प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत सामान्य निर्धन वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति एवं शिष्यवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है जिसके अंतर्गत निम्न छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है-
- सुदामा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना।
- स्वामी विवेकानंद पोस्ट मैट्रिक प्रवीण्य छात्रवृत्ति योजना।
- सुदामा शिष्यवृत्ति योजना।
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावाी छात्र प्रोत्साहन योजना
- पितृहीन कन्याओं को छात्रवृत्ति
- मृत/अपंग/सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति।
- वर्ष 2013-14 से उक्त योजनाएं समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिशन अंतर्गत समेकित छात्रवृत्ति योजना में सम्मिलत हैं। समेकित छात्रवृत्ति योजनांतर्गत राज्य शासन के 8 विभागों की 30 प्रकार की छात्रवृत्तियां समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत कर विद्यार्थियों के खाते में सीधे अंतरित की जा रही है।
- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षण सत्र 2012-13 से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के अंतर्गत इकलौती बेटी के लिए शिक्षा विकास छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है। यह छात्रवृत्ति उन्हीं मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में अध्ययन हेतु दी जायेगी जिनका मासिक शिक्षण शुल्क 1500 से कम है। वर्ष 2013-14 से यह योजना समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के अंतर्गत समेकित छात्रवृत्ति योजना में सम्मिलित है।
सुपर-100 योजना
- शासकीय विद्यालयों से कक्षा 10वीं में उतीर्ण प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं (आई.टी./मेडिकल कॉलेज/चार्टेड एकाउंटेट) में प्रशिक्षण हेतु भोपाल के शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय एवं इंदौर के शासकीय मल्हाराश्रय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सुपर 100 प्रारंभ की गई है।
विकलांग बच्चों की समेकित शिक्षा योजना I.E.D.S.S.
- यह योजना 1 अप्रैल 2009 से प्रारंभ की गई है। इसे अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान विभाग द्वारा कक्षा 9 से 12 तक सामान्य विद्यालयों में अध्ययन करने वाले सभी विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को रूपए 3500 के मान से सुविधा भत्ता प्रदाय किया जाता है।
स्वच्छ विद्यालय अभियान
- स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय में बालक एवं बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चत की गई है।
प्राथमिक शिक्षा का लोक व्यापीकरण Public Universalize of Primary Education
- प्रत्येक बसाहट में एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था तथा तीन किलोमीटर की परिधि में माध्यमिक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराना।
- 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों को शाला में भेजना
- शालाओं में दर्ज बच्चों की नियमितता सुनिश्चित करना।
- सभी बच्चे आठ वर्ष तक की प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करें
- जो बच्चे शाला में दर्ज हैं उनकी गुणात्मक शिक्षा को सुनिश्चित करना तथा शाला त्यागी दर कम करना।
- बालक बालिकाओं के बीच भेदभाव तथा असमानताओं को प्रारंभिक स्तर से दूर करना।
मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा से संबंधित योजनाएं
गाँव की बेटी योजना-2005
- ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं का उच्च शिक्षा के प्रति रूझाान बढ़ाने के लिए गांव की बेटी योजना वर्ष 2005 में प्रारंभ की गई । इस योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उतीर्ण करने वाली एक ग्रामीण बालिका को निःशुल्क उच्च शिक्षा तथा 500 रूपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति दी जाती है।
प्रतिभा किरण योजना
- इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार की उस छात्रा को वित्तीय सहायता देने का प्रवधान है, जिसने 12 वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से उतीर्ण की हो।
विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना
- राज्य सरकार द्वारा गरीबों में भेदभाव को समाप्त करते हुए सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों के विकास और कल्याण की दिशा में सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग गठित कर आयोग की अनुशंसा पर विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना लागू की गई है। योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के सामान्य निर्धन वर्ग के विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करना है। योजना में निर्धन वर्ग के ऐसे विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है, जिन्होंने 12 वीं बोर्ड परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हो अभिभावकों की वार्षिक आय 120000(उच्च शिक्षा हेतु) या 54000(स्नातक हेतु ) हो
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना
- मध्य प्रदेश के मूल निवासी छात्रों जिनके पालकों की वार्षिक आय 6 लाख से कम है ऐसे सभी वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन हेतु यह योजना वर्ष 2017 मेेें प्रारंभ की गई है। सत्र 2016 या उसके पश्चात आयोजित 12वीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक अथवा सी.बी.एस.ई/आई.एस.ई की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उच्च अध्ययन हेतु चिन्हित किसी राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश होने पर उसकी फीस राज्य सरकार द्वारा भरी जावेगी।
मुख्यमंत्री जनकल्याण(शिक्षा प्रोत्साहन) योजना
- श्रम विभाग के पोर्टल पर श्रमिक के रूप में पंजीकृत व्यक्तियों की संतानों को निःशुल्क उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जनकल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना प्रारंभ की गई है।
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