राजनीति में धर्म एक समस्या के रूप में कब सामने आता है ?
राजनीति में धर्म एक समस्या के रूप में कब सामने आता है ?
उत्तर- राजनीति में धर्म एक समस्या के रूप में तब खड़ा हो जाता है जब –
(i) धर्म को राष्ट्र का आधार मान लिया जाता है।
(ii) राजनीति में धर्म की अभिव्यक्ति एक समुदाय विशेष की विशिष्टता के लिए की जाती है।
(iii) राजनीति किसी धर्म विशेष के दावे का पक्षपोषण (support) करने लगते
(iv) किसी धर्म विशेष के अनुयायी दूसरे धर्मावलंबियों के खिलाफ मोर्चा खोलने लगता है। ऐसा तब होता है जब एक धर्म के विचारों को दूसरे धर्म के विचारों से श्रेष्ठ माना जाने लगता है और एक धार्मिक समूह अपनी मांगों को दूसरे समूह के विरोध में खड़ा करने लगता है। इस प्रक्रिया में राज्य अपनी सत्ता का उपयोग किसी एक धर्म विशेष के पक्ष में करने लगता है तो समस्या और गहरी हो जाती है तथा दो धार्मिक समुदाय में हिंसात्मक तनाव (Riot) शुरू हो जाता है। . राजनीति में धर्म को इस तरह इस्तेमाल करना ही संप्रदायिकता (communalism) कहलाती है।