राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं का क्या योगदान है ?

राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं का क्या योगदान है ?

उत्तर :- एक जमाना था जब भारत महिलाओं का कार्यक्षेत्र घर की चहारदावार तक ही सीमित था। धीरे-धीरे भारत की महिलाओं की इच्छा घर की चहारदावार से बाहर निकलकर समाज में अपनी पहचान बनाने की हुई। वर्तमान युग का भारताच महिलाएँ इस इच्छा की पूर्ति करने में पूरी तरह सफल हो रही है। वे आज उन आध कारों को प्राप्त करने में भी कामयाब हो गई हैं जो कभी एकमात्र पुरुषों का कायदान माना जाता रहा है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आज वे परुषों के साथकंध-स-कचमिलाकर ही नहीं चल रही हैं, बल्कि कुछ क्षेत्रों में उनके कदम पुरुषों से भी आग बढ गए हैं। स्वभाविक है कि राष्ट्र की प्रगति में उनके योगदान को नजरअंदाज नहा किया जा सकता है। चाहे राजनीति का क्षेत्र हो, सरकारी पदों का क्षेत्र हो, तकनीकी एवं शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो, मनोरंजन और साहित्य की दुनिया हा सभी जगह महिलाओं की साझेदारी स्पष्ट दिखाई दे रही है। राष्ट्र की प्रगति में जिन महिलाओं ने अपना योगदान दिया है, राष्ट्र उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता। मेधा पाटेकर, इला भट्ट, पी०टी० उषा, किरण बेदी, लता मंगेशकर जैसी भारतीय महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाकर राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने में रत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल तथा लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दी हैं। अत: यह कहना उचित होगा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी पैठ बना रखी है और राष्ट्र की प्रगति ऐसी महिलाओं के योगदान पर ही निर्भर है।

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