लोकतंत्र किन परिस्थितियों में सामाजिक विषमताओं को कम करने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है ?
लोकतंत्र किन परिस्थितियों में सामाजिक विषमताओं को कम करने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है ?
उत्तर :- समाज में विद्यमान अनेक सामाजिक विषमताओं, जिसे हमें विविधता के रूप में देख सकते हैं उनके बीच आपसी समझदारी एवं विश्वास को बढ़ाने में लोकतंत्र मददगार होता है। लोकतंत्र नागरिकों को शांतिपूर्ण जीवन जीने में सहायक होता है। लोकतंत्र विभिन्न जातियों एवं धर्मों के विभाजक कारकों के बीच वैमनस्य एवं भ्रांतियों को कम करने में सहायक हुआ है। साथ ही उनके बीच टकरावों को हिंसक एवं विस्फोटक बनने से रोका है। भारत में भी जातीय टकरावों एवं साम्प्रदायिक उन्मादों को व्यापक स्तर पर रोकने में लोकतंत्र सहायक हुआ है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि यदि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था नहीं होती तो यह दुनिया रहने लायक नहीं होती।
लोकतंत्र लोगों के बीच एक-दूसरे के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं के प्रति सम्मान का भाव विकसित करता है। इस बात को दाबे के साथ कहा जा सकता है कि विभिन्न सामाजिक विषमताओं एवं विविधताओं के बीच संवाद एवं सामंजस्य के निर्माण में सिर्फ लोकतंत्र ही सफल रहा है। इसके अतिरिक्त नागरिक शासन व्यवस्था विविधताओं के और लोकतांत्रिक । संभावना बनी लिए उठाए गए लिए उठाए गए चार प्र जारी है। भारत की गरिमा एवं उनकी आजादी की दृष्टि से भी लोकतंत्र अन्य शासन आगे ही नहीं बल्कि सर्वोत्तम है। निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि सामाजिक विषमताओं एवं विलि बीच आपसी समझदारी एवं सामंजस्य के निर्माण में लोकतंत्र अन्य गैर व्यवस्थाओं की तुलना में काफी आगे है जहाँ बातचीत की निरन्तर संभावना बनी रहती है।