लोकतंत्र के लिए राजनीतिक दल क्यों आवश्यक है ?
लोकतंत्र के लिए राजनीतिक दल क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :- राजनीतिक दल लोकतंत्र की आधारशिला है। ये उत्तरदायी शासन के नायक अंग है। राजनीतिक दलों के बिना लोकतंत्र की कल्पना नहीं हो सकती। राजनीतिक दलों को काम करने की स्वतंत्रता नहीं होती तथा जहाँ एक ही
दल होता है, वहाँ स्वतंत्रता का अभाव होता है। इसीलिए, राजनीतिक दलों नोकतंत्र का प्राण’ कहा जाता है। प्रतिनिधिक लोकतंत्र की सफलता राजनीतिक पर ही निर्भर होती है। राजनीतिक दल प्रतिनिधियों को निर्वाचन में भाग लेते फाइनर के अनुसार, “दलों के बिना मतदाता या तो नपुंसक हो जाएँगे या नाशकारी जो ऐसी असंभव नीतियों का अनुगमन करेंगे, जिससे राजनीतिक यंत्र वस्त हो जाएगा।” राजनीतिक दल मतदाताओं का मार्गदर्शन करते हैं। राजनीतिक न ही लोकतंत्र को व्यावहारिक रूप देते हैं। ब्राइस का कथन है, “दल अनिवार्य है। कोई भी बड़ा स्वतंत्र देश उनके बिना नहीं रह सकता है।” राजनीतिक दल लोकतंत्र में शिक्षा के साधन है। ये जनता को सार्वजनिक प्रश्नों एवं समस्याओं के प्रति जागरूक रहने की शिक्षा देते हैं। ये जनमत का निर्माण करते हैं। निर्वाचन के समय ये नागरिकों को राजनीतिक साहित्य प्रदान करते हैं। उनमें शासन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करते हैं और उनके राजनीतिक कर्तव्यों का बोध कराते हैं। भारत में भी लोकतंत्र की स्थापना की गई है। अतः यहाँ राजनीतिक दलों की महत्ता बहुत अधिक है।