व्याख्या करें –
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‘गरीब बस्तियों में भी
धमाके से हुआ देवी जागरण
लाउडस्पीकर पर’
उत्तर :- प्रस्तुत पद्यांश हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवि वीरेन डंगवाल के द्वारा लिखित ‘हमारी नींद’ से ली गई है। इस अंश में कवि ने उन लोगों का चित्र खींचा है जो गरीब बस्तियों में जाकर अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए देवी जागरण जैसे महोत्सव का आयोजन करते हैं। कवि कहते हैं कि आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे स्वार्थपरक लोग हैं जिनके हृदय में गरीबों के प्रति हमदर्दी नहीं है। केवल उनसे समय-समय पर झूठेवादे करते हैं । नेता, पूँजीपति एवं अत्याचारी ये सभी गरीबों की
आंतरिक व्यथा से खिलवाड़ कर उनकी विवशता से लाभ उठाते हैं।
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