संसाधन के नियोजन से आप क्या समझते हैं? इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालें।

संसाधन के नियोजन से आप क्या समझते हैं? इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालें।

उत्तर ⇒ संसार में संसाधनों का वितरण असमान रूप से फैला हुआ है। किसी। क्षेत्र में यह आवश्यकता से अधिक तो किसी क्षेत्र में आवश्यकता से कम मात्रा में। पाई जाती है। – भारत में तो यह क्षेत्रीय विविधता और भी अधिक है। अतः पूरे देश के विकास के लिए संसाधनों का नियोजन आवश्यक है। मानव की अपने भौतिकवादी जीवन की आवश्यकताएँ बढ़ती जा रही है और उनकी आपूर्ति में संसाधनों का अत्यधिक शोषण करता जा रहा है जिससे अनेकों संसाधन समाप्ति के कगार पर हैं जिसस प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। यदि संतुलन नष्ट हआ तो मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए संसाधन नियोजन की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है।
संसाधन नियोजन की कुछ प्रक्रियाएँ निम्नलिखित हैं –

(i) देश के विभिन्न क्षेत्रों में पाये जाने वाले संसाधनों की पहचान करना,
(ii) संसाधन की मात्रा एवं गुणात्मक स्तर का निर्धारण करना,
(iii) विकास की योजना को चरणबद्ध रूप से तैयार करना,
(iv) समुचित विकास के लिए उचित तकनीक अपनाना,
(v) मजदूरों को प्रशिक्षित करना और सही तकनीक का ज्ञान देना, ”
(vi) राष्ट्रीय स्तर पर योजनाओं का निर्धारण करना जिससे देश की आर्थिक समद्धि हो और नागरिकों का कल्याण हो सके।

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