सन् 1991 के आर्थिक सुधारों का भारत पर हुए प्रभावों की चर्चा

सन् 1991 के आर्थिक सुधारों का भारत पर हुए प्रभावों की चर्चा

उत्तर- सन् 1991 में भारत के वित्तमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह थे। जिनके प्रयास से LPG की नीति अर्थात् उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीति चलाई गई जिससे भारत में अनेक आर्थिक प्रगति हुई।

(i) उदारीकरण के कारण सरकार ने जब कोटा, परमिट और तरह-तरह के अनावश्यक प्रतिबंधों को हटाया तो तेजी से विदेशी निवेश भारत में होने लगे।

(ii) निजीकरण की नीति के अंतर्गत घाटे में चल रहे अनेक उद्योग को निजी कंपनियों के हवाले किया। परिणामस्वरूप यही कंपनियाँ लाभ प्रदान करने लगी। वैश्वीकरण के कारण जहाँ भारत में अनेक बहराष्ट्रीय कंपनियों ने निवेश किए वहीं भारतीय कंपनियों ने भी उद्योगों एवं पूँजी का विस्तार प्रारंभ कर दिया। इन आर्थिक प्रगतियों ने भारत का कायाकल्प कर दिया।

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