समीक्षा से क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए ।
समीक्षा से क्या तात्पर्य है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर— समीक्षा–रिव्यू को हिन्दी में पुनरावलोकन, पुनर्विचार या समीक्षा भी कहा जाता है। इसका आशय फिर से विचार करने, तथ्यों को स्मरण करने, उनकी समीक्षा करने तथा महत्त्वपूर्ण निष्कर्षों तक पहुँचने से है। रिव्यू के माध्यम से शिक्षक अपने पाठ को तैयार कर पुनः प्रमुख बिन्दुओं पर विचार करता है और यह जानने का प्रयास करता है कि कौन-सा प्रकरण छात्रों के लिए अधिक उपयोगी है, कितने पाठ पढ़ा दिए गए हैं और कितने शेष रह गए हैं।
रिव्यू को सामान्य रूप से निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता हैं—
(i) मौखिक समीक्षा
(ii) लिखित समीक्षा
(iii) समस्या समीक्षा
(iv) सामान्य समीक्षा
समीक्षा (रिव्यू) की विशेषताएँ–समीक्षा की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं—
(i) समीक्षा उच्च कक्षाओं के लिए प्रभावकारी है ।
(ii) किसी भी तथ्य की समीक्षा की जा सकती है ।
(iii) छात्रों में विश्लेषण-संश्लेषण की क्षमताओं का विकास होता है।
(iv) छात्र एवं शिक्षक दोनों ही सक्रिय रहते हैं ।
(v) छात्रों को पुस्तकालय में पढ़ने की आदत विकसित होती है।
(vi) इसके माध्यम से शिक्षक अपने उद्देश्य प्राप्ति में सफल हो जाते हैं।
(vii) यह ज्ञान को स्थानीय बनाने में सहायक है।
समीक्षा का प्रयोग करते समय ध्यान देने योग्य बातें—
(i) छात्रों को योग्यतानुसार के विभिन्न प्रकरण दिए जाएँ ।
(ii) समीक्षा का समय भी निश्चित होना चाहिए।
(iii) समीक्षा के उद्देश्य निश्चित किए जाने चाहिए कि रिव्यू क्यों किया जा रहा है ?
(iv) समीक्षा के लिए पाठ्य-वस्तु/प्रकरण देते समय सन्दर्भ ग्रन्थों की प्राप्ति भी ध्यान में रखनी चाहिए।
(v) समीक्षा छात्रों के कार्यों की भी जानी चाहिए।
(vi) छात्रों को समीक्षा देने में उनमें समीक्षा करने की क्षमता का विकास होता है और किसी भी प्रकरण की बोधगम्यता बढ़ती है।
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