राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005 के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिए ।

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2005 के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिए । 

उत्तर— NCF–2005 में शिक्षा के लक्ष्य और उद्देश्य– NCF2005 में शिक्षा के लक्ष्यों में व्यापक दिशा निर्देश हैं। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण निम्नलिखित हैं—
(i) पुस्तकीय ज्ञान को विद्यालय के बाहर के जीवन से जोड़ना ।
(ii) शिक्षार्थी रटने की प्रवृत्ति से मुक्त हो ।
(iii) पाठ्यक्रम पाठ्य पुस्तक केन्द्रित न बनकर शिक्षार्थियों के चहुँमुखी विकास के अवसर प्रदान करने वाला हो।
(iv) परीक्षा प्रणाली को अधिक लचीली बनाकर कक्ष की गतिविधियों से जोड़ना ।
(v) पाठ्यक्रम में प्रजातांत्रिक राज्य व्यवस्था के अन्तर्गत राष्ट्रीय चिन्ताएँ समाहित हों।
(vi) पाठ्यक्रम में ऐसे कार्यक्रम शामिल किए जाये जिनके द्वारा बच्चे स्कूलों से जुड़े रहे, स्कूल में टिके रहे और उनमें सीखने का विश्वास बने ।
(vii) प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण की प्रतिबद्धता भी स्पष्ट रूप से होनी चाहिए । विभिन्न पृष्ठभूमि से आये विभिन्न विशेषता वाले बच्चे असमान होते हुए भी बच्चे स्कूल में सीखने व सफलता प्राप्त करने में समर्थ हों ।
(viii) पाठ्यचर्या में विस्तार करके उसमें ज्ञान, कार्य एवं शिल्प की विभिन्न समृद्ध विरासत को शामिल करना । आत्मसम्मान व नैतिकता का विकास और बच्चों में रचनात्मक पोषण की आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाए।
(ix) कक्षा के ज्ञान को बच्चों के जीवन अनुभव से जोड़ना, हाशिए के समाजों को बच्चों को अपने सम्पन्न साथियों का मान-सम्मान पाने का अवसर देना।
(x) पर्यावरण सम्बन्धी सरोकार के प्रति जागरूकता पैदा करना। पाठ्यक्रम क्षेत्र, स्कूल चरणों एवं मूल्यांकन-एनसीएफ2005
(1) गणित के आधार-पत्र में गणित शिक्षा के लक्ष्य और उद्देश्य—
(i) विद्यालयों में गणित शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है— बच्चे की विचार प्रक्रिया और चिन्तन का गणितीकरण करना । डेविड व्हीलर के अनुसार, “बहुत सारी गणित जानने के बजाय यह जानना अधिक उपयोगी है कि गणितीकरण कैसे किया जाए।”
(ii) जार्ज पोल्या के अनुसार, “स्कूली शिक्षा के दो तरह के उद्देश्य हो सकते हैं—प्रथम अच्छा एवं संकीर्ण उद्देश्य हैरोजगार योग्य ऐसे वयस्कों को तैयार करना जो सामाजिक तथा आर्थिक विकास में योगदान दे सके। द्वितीय उच्च उद्देश्य है— बढ़ते बच्चों में आंतरिक संसाधनों का विकास
करना । “
(iii) गणितीय उपक्रमों में विचारों की स्पष्टता और तार्किक निष्कर्षों तक पहुँचने में पूर्वानुमानों पर कार्य करना ।
(iv) गणित शिक्षण का फोकस संकीर्ण लक्ष्य से हटाकर ऊँचे लक्ष्यों की ओर स्थानान्तरित करना ।
(v) समस्या समाधान के लिए गणित शिक्षा का उपयोग करना ।
(vi) गणित का पाठ्यक्रम महत्त्वाकांक्षी, सुसंगत और गणित सिखाने वाला हो।
(vii) अन्य विषयों जैसे-विज्ञान, सामाजिक ज्ञान आदि में आने वाली समस्याओं को हल करने में मदद देना ।
(viii) विद्यालयी गणित गतिविधियों पर आधारित हो ।
(ix) जीवन में आने वाली समस्याओं को बेहतर ढंग से हल करने में गणित का उपयोग ।
(x) शिक्षा के सार्वभौमीकरण में गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में हो । अतः इसका भी सार्वभौमीकरण हो ।
(2) भाषा के आधार-पत्र में गणित शिक्षा के लक्ष्य और
उद्देश्य—
(i) भाषा तीन सूत्र प्रणाली का पालन किया जाना है।
(ii) संचार का माध्यम घर की भाषा होनी चाहिए।
(iii) मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में होना चाहिए अध्ययन किया जो प्रथम भाषा ।
(iv) हिन्दी में भाषी राज्यों, दूसरी भाषा कुछ अन्य आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेजी, और हो जाएगा-भाषी राज्यों में गैर हिन्दी में, दूसरी भाषा भाषा हिन्दी या अंग्रेजी होना।
(v) हिन्दी में भाषायी राज्यों, तृतीय भाषा अंग्रेजी या दूसरी भाषा के रूप में अध्ययन नहीं एक आधुनिक भारतीय भाषा हो जाएगा।
(vi) राज्य बोलने वाला गैर-हिन्दी में, तृतीय भाषा के रूप में या अध्ययन नहीं एक आधुनिक भारतीय भाषा होगी दूसरी भाषा ।
(3) विज्ञान के आधार पत्र में गणित शिक्षा के लक्ष्य और उद्देश्य—
(i) सीखने विज्ञान का अध्यापन विज्ञान सीखने के उद्देश्य को सम्बोधित करने के डिजाइन किया जाना चाहिए ।
(ii) तथ्यों और विज्ञान के सिद्धान्तों को सीखने के लिए है और यह संज्ञानात्मक विकास की अवस्था के साथ संगत अनुप्रयोगों हैं।
(iii) कौशल और पीढ़ी और वैज्ञानिक ज्ञान के सत्यापन के लिए नेतृत्व के तरीकों और प्रक्रियाओं को समझने के लिए।
(iv) विज्ञान के एक ऐतिहासिक और विकासात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और एक सामाजिक उद्यम के रूप में विज्ञान को देखने के लिए उसके सकें।
(v) स्थानीय के साथ ही वैश्विक है, और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के इंटरफेस में मुद्दों की सराहना करते हैं।
(vi) काम की दुनिया में प्रवेश करने के लिए अपेक्षित सैद्धान्तिक ज्ञान और व्यावहारिक तकनीकी कौशल प्राप्त करने लिए ।
(4) सामाजिक विज्ञान के आधार-पत्र में गणित शिक्षा के लक्ष्य और उद्देश्य—
(i) सामाजिक विज्ञान एक विषय उचित विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और कैरियर का चयन करने में क्रम में उनके हितों और अभिरुचि का पता लगाने लिए छात्रों की सहायता करने के लिए स्कूलों में शामिल है।
(ii) विभिन्न विषयों में ज्ञान के उच्च स्तर का पता लगाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए।
(iii) समस्या को सुलझाने की क्षमता और कल के नागरिकों में रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए, विशिष्ट विषयों में डेटा और जानकारी इकट्ठा करने और प्रसंस्करण के विभिन्न तरीकों के छात्रों को लागू करने के लिए।
(iv) छात्रों को निष्कर्ष पर पहुँचने में मदद और इस प्रक्रिया में नए अंतर्दृष्टि और ज्ञान उत्पन्न करने के लिए ।
(5) शांति का अध्ययन के आधार-पत्र में गणित शिक्षा के लक्ष्य और उद्देश्य—
(i) शान्ति शिक्षा शान्ति के अध्ययन के लिए पाठ्यक्रम में कौशलों का प्रयोग किया जाना है।
(ii) इन कौशलों को टीम वर्क के रूप में लिया जाना है।
(iii) यह एकाग्रता, योग्यता विकसित करने के लिए है। इसमें
धैर्य और सहनशीलता, मन की पवित्रता के साथ सुनने के रूप में गतिविधियों के जवाब, स्वीकृति पाने के लिए बाहर तक पहुँचने के लिए अनुशासन और काम का अध्ययन करने के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाया जाना है।
(iv) यह कौशल एक शान्ति उन्मुख प्रयास है इस प्रकार का पाठ्यक्रम होगा शान्ति और लोकतंत्र ।
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