अधिगम की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए ।
अधिगम की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर— अधिगम की अवधारणा(Concept of Learning)– विश्वास एक व्यक्ति के मन की वह स्थिति है जिसके द्वारा मनुष्य अनुभवजन्य साक्ष्य, तथ्यात्मक निश्चितता को एक साथ साबित करने का प्रयत्न करता है। दूसरे शब्दों में विश्वास का अर्थ है कि जो भी वास्तविक है, सत्य है उसकी कोई न कोई वास्तविक सत्ता है। विश्वास इसी वास्तविक सत्ता को निश्चित करने की सत्यापित नींव है। विश्वास वह मानसिक प्रतिनिधित्व है जो सकारात्मकता के साथ किसी कार्य को करने की सम्भावना की ओर केन्द्रित एक दृष्टिकोण है। छात्रों / बालकों में किसी भी वस्तु को जानने या समझने की इच्छा जन्मजात होती है । अतः प्रत्येक बालक अधिगम (सीख) कर सकता है। अधिगम की आम धारणा निम्नलिखित है—
(1) शिक्षक इसके लिए प्राधिकृत हैं और ये उनका कर्त्तव्य है कि वे छात्रों को जानकारी दें ।
(2) नियमित अधिगम हेतु प्रतिक्रिया शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के लिए महत्त्वपूर्ण है ।
(3) छात्रों को अधिगम हेतु प्रेरित करने के लिए बाह्य दबाव बनाने की आवश्यकता है।
(4) छात्रों की अधिगम की शैली, अधिगम की प्रक्रिया और जिज्ञासा को विकसित करके उनकी अधिगम क्षमता को सुधारा जा सकता है।
(5) छात्र का अधिगम तब तीव्रता से होता है जब वे अधिगम में स्वयं के स्वामित्व का अनुभव करते हैं।
(6) छात्रों में प्रभावशाली अधिगम तब होता है जब वे अनुभव, कल्पना, सूचना एवं उपयोग को एकीकृत कर लेते हैं ।
(7) छात्र तब सबसे अच्छा अधिगम करते हैं जब उनके प्रदर्शन की तुलना दूसरों के प्रदर्शन से होती है।
(8) छात्र करके या एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
(9) प्रत्येक व्यक्ति के अधिगम का अलग-अलग तरीका होता है।
(10) उच्च अधिगम संरचना में छात्र तब सबसे अच्छा अधिगम कर सकता है जब वह पुनरावृत्ति एवं अभ्यास पर ध्यान केन्द्रित करे।
(11) उन छात्रों को स्वयं के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए जो शिक्षकों के लिए अनुशासन की समस्या उत्पन्न कर देते हैं।
(12) छात्रों की अधिगम क्षमता को लिखित परीक्षा के माध्यम से प्रभावी रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है ।
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