Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 3 बिहार में नृत्यकला Solutions | Bseb class 9Th Chapter 3 बिहार में नृत्यकला Notes
Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 3 बिहार में नृत्यकला Solutions | Bseb class 9Th Chapter 3 बिहार में नृत्यकला Notes
प्रश्न- बिहार में प्रचलित किसी एक लोकनृत्य का परिचय दीजिए ।
उत्तर— बिहार में लोकनृत्य की सजीव परंपरा है। यहाँ अनेक प्रकार के लोकनृत्य हैं इनमें झिझिया एक मोहक तथा अनुष्ठानिक नृत्य हैं। झिझिया एक नारी नृत्य है। महिलाएँ गोल घेराबन्दी के बीच एक औरत माथे पर छेद वाला घड़ा रखती है, घड़े में एक दीपक होता है । लय-ताल के साथ औरतें नृत्य करती हैं।
प्रश्न- मगह में किस लोकनृत्य का प्रचलन था? एक संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर— मगह में ‘खेलड़िन’ लोकनृत्य का प्रचलन था। गया जिले में नाचने-गाने वाली एक पेशेवर जाति थी, वे शादी-विवाह या कोई मांगलिक मौकों पर बुलाई जाती । इसमें खेलड़िन 10-15 के पंक्तिबद्ध समूह में नाचती हुई गालियाँ भी गाती थीं। इस नाच में विभिन्न बाजाओं का प्रयोग करती थीं ।
प्रश्न- कथक नृत्य में बिहार का क्या योगदान रहा है ?
उत्तर— शास्त्रीय नर्तको की कोई विशिष्ट परंपरा बिहार में नहीं मिलती जो संगीत के क्षेत्र में मिली। इसके बावजूद भी हरि उत्पल, नगेन्द्र मोहिनी, मधुकर आनन्द ने कथक नृत्य में बिहार की प्रतिष्ठा बढ़ायी है ।
प्रश्न- बिहार के नृत्य जगत में हरि उप्पल का क्या महत्त्व रहा है ?
उत्तर— हरि उप्पल ने बिहार में शास्त्रीय नृत्य की पहली ज्योति जलायी । उन्हें कथकली की कोमलता तथा मणिपुरी के वीर भाव दोनों में अपूर्व दक्षता प्राप्त थी । उन्हीं के प्रयास के फलस्वरूप बिहार में नृत्य कला मंदिर की स्थापना हुई ।
प्रश्न- भारतीय नृत्य कला मंदिर कहाँ है ? उसकी स्थापना किसने की ?
उत्तर— भारतीय नृत्य कला मंदिर पटना में है। उसकी स्थापना उप्पल ने की।
प्रश्न- कथक और भरतनाट्यम दोनों के विशेषज्ञ किसी एक बिहारी नर्तक का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
उत्तर— कथक तथा भरतनाट्यम के विशेषज्ञ के रूप में नगेन्द्र मोहिनी का नाम लिया जाता है। छरहरा वदन, मधुर बोली, सहज स्नेहिल स्वभाव वाले दर्शकों को मुग्ध करने वाले थे। वे नृत्य – शिक्षक थे । नृत्य शास्त्र पर अनेक पुस्तकें लिखीं। इन्हें नृत्य में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति भी मिली ।
प्रश्न- गुंड़िया नृत्य किसे कहते हैं ?
उत्तर— गुड़िया नृत्य के लिए एक मुखौटा होता है। उस मुखौटा में एक ओर स्त्री का तथा दूसरी ओर पुरुष का चेहरा होता है। एक ही आदमी मुखौटा लगाकर औरत तथा मर्द भी भूमिका निभाता है। यह नृत्य बहुत कठिन है। यह पटना का लोकनृत्य है।
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