शुष्क भूमि कृषि की विशेषताओं का वर्णन कर।
शुष्क भूमि कृषि की विशेषताओं का वर्णन कर।
उत्तर- शुष्क भूमि कृषि की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
(i) इन क्षेत्रों में प्राय: गरीब किसान रहते हैं जो पंजी के अभाव में उन्नत बीज, उर्वरक इत्यादि नहीं खरीद सकते हैं। यही कारण है कि यहा उत्पादन भी कम होता है।
(ii) यहाँ पर शुष्क समय में उपयोग हेतु वर्षा जल के संग्रहण विधि का प्रयोग किया जाता है।
(iii) आर्द्रता की कमी के कारण शुष्क भूमि के क्षेत्रों की मिट्टी में जावाश (ह्यूमस) की मात्रा कम होती है।
(iv) शुष्कता के कारण तेज हवा और आँधी से मिट्टी की ऊपरी परत का कटाव अधिक होता है।
(v) भूमिगत जल के पुनः भरण के लिए तालाबों और छोटे-छोटे अवरोधों से वर्षा जल को व्यर्थ बहने से रोका जाता है।
(vi) कृषि-उत्पादन से आय की जो कमी होती है उसे गाय, बकरी, मुर्गीपालन, रेशम उत्पादन इत्यादि से पूरा किया जाता है।