“भविष्य में लोकतंत्र के ऊपर जिम्मेवारियाँ और बढ़ती जाएगी स्पष्ट करें।
“भविष्य में लोकतंत्र के ऊपर जिम्मेवारियाँ और बढ़ती जाएगी स्पष्ट करें।
उत्तर- लोकतंत्र विभिन्नताओं से भरा है। यहाँ पर प्रत्येक व्यक्ति को अपनी नाम रखने का अधिकार है। परिणामस्वरूप यहाँ पर एक मत नहीं हो पाता और समस्या और भी जटिल हो जाती हैं। जातिवाद, धार्मिक भेदभाव, क्षेत्रवाद इत्यादि धीरे-धीरे और विकराल रूपले रहे हैं। लोकतंत्र इन सबों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करता है। लोकतंत्र सामाजिक विभिन्नताओं से भरा है। प्रत्येक समूह की अपनी माँग होती है यदि इसकी पूर्ति संभव नहीं हुई तो टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ज्यों-ज्यों समय बीत रहा है लोकतंत्र की चुनौतियाँ भी बढ़ती जा रही हैं। इसकी जिम्मेवारियाँ भी इसी प्रकार से बढ़ती जा रही हैं।