वस्तु-विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
वस्तु-विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-वस्तु-विनिमय प्रणाली काफी समय तक प्रचलन में थी, लेकिन इसम अनेक कठिनाइयाँ थीं। इस प्रणाली की मख्य कठिनाइयाँ निम्नाकित है-
(i) आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का अभाव- वस्तु-वा के अंतर्गत ऐसे दो व्यक्तियों में संपर्क होना आवश्यक है जिन का आवश्यकता-पूर्ति हेत वस्तएँ हों। लेकिन वास्तविक जीवन में इस प्रकार का संयोग बहुत कठिनाई से होता है। यदि विनिमय का क्षेत्र ह। यदि विनिमय का क्षेत्र अत्यंत सीमित है तो ऐसा दोहरा संयोग मिल सकता है और विनिमय में विशेष र सकता है और विनिमय में विशेष कठिनाई नहीं होगा। परंतु, विनिमय एवं व्यापार के विस्तार के साथ यह का विस्तार के साथ यह कठिनाई बढ़ती जाती है।
(ii) मूल्य के सामान्य मापदंड का अभाव- वस्तु-विनिमय प्रणाली में मूल्य को मापने का कोई सामान्य मापदंड नहीं होता। एक
मान्य मापदंड नहीं होता। एक सामान्य मापदंड के अभाव में दो वस्तुओं के बीच विनिमय का अनुपात निश्चित करना कठिन होता है। उदाहरण के लिए एक गाय के बदले कितना लए एक गाय के बदले कितना चावल मिलेगा, एक क्विंटल चावल के बदले कितना कपडा मिलेगा इत्यादि। इस प्रकार, पड़ा मिलेगा इत्यादि। इस प्रकार, मूल्य का एक सामान्य मापदंड नहीं होने कारण वस्तु-विनिमय में व्यापार की शर्त को निश्चित करने में मापदंड नहीं होने क कारण वस्त-विनिमय में व्यापार की शर्त को निश्चित करने में कठिनाई होती है।
(iii) विभाजन की कठिनाई- कुछ वस्तुएँ ऐसी हैं जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता, क्योंकि विभाजित करने पर इनकी उपयोगिता समाप्त हो जाती है, जैसे एक गाय या घोडा। वस्त-विनिमय के अंतर्गत ऐसी वस्तुओं का विनिमय कम मूल्य को वस्तयों से संभव नहीं है। .
(iv) मल्य-संचय की कठिनाई- वस्तु-विनिमय प्रणाली के अंतर्गत मूल्य अथवा धन के संचय का कार्य अत्यंत कठिन है। वस्तुओं के रूप में धन का संग्रह करने के लिए बहत अधिक स्थान की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त वस्तुएँ नाशवान होती हैं। अतः उन्हें अधिक समय तक सुरक्षित भी नहीं रखा जा सकता।
(v) मूल्य के हस्तांतरण की कठिनाई- वस्तु-विनिमय प्रणाली में वस्तुओं को विनिमय के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कठिनाई थी। इस प्रणाली के अंतर्गत अचल संपत्ति के हस्तांतरण या खरीदने-बेचने का कार्य और भी कठिन था।