Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 6 अष्टावक्र Solutions | Bseb class 9Th Chapter 6 अष्टावक्र Notes

Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 6 अष्टावक्र Solutions | Bseb class 9Th Chapter 6 अष्टावक्र Notes

प्रश्न-  लेखक ने प्रधान पात्र के अष्टावक्र क्यों कहा है ?
उत्तर— इस रेखाचित्र के प्रधान पात्र को लेखक अष्टावक्र कहते है क्योंकि वह एक विचित्र बालक था। उसके पैर किसी कवि की नायिका की तरह बलखाती थी। और उसका शरीर हिंडोले की तरह झूलता था। उसका मुख लंबा और वक्र था अतः विद्वान लोग भी उसे अष्टावक्र कहते थे।
प्रश्न-  कोठरियाँ कहाँ बनी हुई थी ? 
उत्तर— कोठरियाँ खजांचियों की विशाल अट्टालिका को जाने वाले मार्ग पर बनी हुई थी।
प्रश्न- अष्टावक्र कहाँ रहता था ? 
उत्तर— अष्टावक्र खजांचियों की विशाल अट्टालिका को ले जाने वाले मार्ग पर बनी अंधेरे कोठरियों में से किसी एक में रहता था।
प्रश्न- चिड़चिड़ापन अष्टावक्र की माँ का चिरसंगी क्यों बन गया था ?
उत्तर—अष्टावक्र की माँ का शरीर असमयं बूढ़ी हो चुकी थी जिससे वो कुछ लँगड़ा कर चलती थी। साथ ही निरंतर अभावों से जूझते जूझते चिड़चिड़ापन उसका चिरसंगी बन चुका था।
प्रश्न- अष्टावक्र विमूह सा क्यों बैठा रहा ? 
उत्तर— जब अष्टावक्र की माँ मर गई तो वह कुछ समझ नहीं पाया कि ये मरना क्या होता है। संयोगवश उसकी बुद्धि जाग्रत हो गई और जब उसे समझ आ गया की उसकी माँ अब लौटकर नहीं आयेगी, तो वह विमूढ़ सा बैठा रहा।
प्रश्न- माँ की मृत्यु के बाद अष्टावक्र की मानसिक स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर— माँ की मृत्यु के पश्चात् वह अकेला रह जाता है। उसे अपने माँ के मृत्यु का अहसास नहीं था अतः वह अबोध बालक की तरह करने लगता है। वह खाली थाली लेकर परिचित मार्गों पर घूमता है और एक दिन वो बिमार पड़कर अस्पताल में सदा के लिए सो जाता है।
प्रश्न- माँ के शुष्क नयन सजल क्यों हो उठें ? 
उत्तर— एक दिन अष्टावक्र ने माँ से कहा कि माँ चाट तू बेचा कर। मुझे लड़के मारते हैं। अपने लाल की इस दुःखद अवस्था को देखकर माँ शुष्क नयन सजल हो उठे।
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