Bihar Board Class 9Th Science chapter 9 खाद्य संसाधनों में सुधार (Improvements in Food Resources) Solutions | Bseb class 9Th Chapter 9 खाद्य संसाधनों में सुधार (Improvements in Food Resources) Notes

Bihar Board Class 9Th Science chapter 9 खाद्य संसाधनों में सुधार (Improvements in Food Resources) Solutions | Bseb class 9Th Chapter 9 खाद्य संसाधनों में सुधार (Improvements in Food Resources) Notes

प्रश्न- खाद एवं ऊर्बरक में अंतर स्पष्ट करें ।
उत्तर—
खाद ऊर्वरक
खाद में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है। ऊर्वरक में अकार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती हैं ।
यह मिट्टी को अल्प मात्रा में पोषण प्रदान करती है। यह मिट्टी को प्रचुर मात्रा में पोषण प्रदान करती है ।
यह मिट्टी की संरचना में सुधार करती है । इसका अधिक उपयोग मिट्टी की ऊंवर्रा शक्ति को कम कर देती है।
यह प्रदूषण नहीं फैलाती है।
इससे जल प्रदूषण होता है।
प्रश्न- अंतराफसलीकरण से आप क्या समझते है ? 
उत्तर— दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ एक ही खेत में उचित पैटर्न में लगाने की विधि अंतराफसलीकरण कहलाती है। इससे मिट्टी की ऊवर्रा शक्ति बनी रहती है।
प्रश्न- अनाज, दाल, फल तथा सब्जियों से हमें क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर— अनाज में कार्बोहाइड्रेट होता हैं। ये हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं। दालें : प्रोटीन प्रदान करते हैं ।
फल व सब्जियाँ : विटामिन तथा खनिज प्रदान करते हैं ।
प्रश्न- जैविक व अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं ?
उत्तर— जैविक कारक जैसे रोग, कीट तथा निमेटोड तथा अजैविक कारक जैसे सूखा, क्षारता, जलाक्रांति, गरमी, ठंड या पाला के कारण फसल उत्पादन कम हो सकता है। कभी पूरी की पूरी फसल ही नष्ट हो जाती है ।
प्रश्न- वृहत् पोषक क्या हैं और इन्हें वृहत् पोषक क्यों कहते हैं ? 
उत्तर— वे तत्व जो पौधों की वृद्धि के लिए अत्यन्त आवश्यक होते हैं उन्हें वृहत् पोषक तत्व कहते हैं । ये पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में आवश्यक होते हैं अतः इन्हें वृहत् पोषक तत्व कहते हैं। जैसे- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम आदि।
प्रश्न- पौधे अपना पोषक तत्व कैसे प्राप्त करते हैं ? 
उत्तर— पौधे पोषक तत्वों को खाद तथा उर्वरकों से प्राप्त करते हैं। पौधे मिट्टी में उपस्थित खनिज लवणों से भी अपना पोषक तत्त्व ग्रहण करते है।
प्रश्न- भंडारण की प्रक्रिया में कौन-से कारक अनाज की हानि लिए उत्तरदायी हैं ? 
उत्तर— हानि पहुँचाने वाले कारक—
(i) जैविक कारक–कीट, कृन्तक, फफूँदी तथा जीवाणु आदि,
(ii) अजैविक कारक–नमी तथा तापक्रम आदि ।
प्रश्न- पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्रायः कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों ?
उत्तर— पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम वीर्यसेचन अच्छी विधि मानी जाती है। क्योंकि यह उत्तम है, सस्ती है तथा एक बार के वीर्य से 3000 मादाओं को निषेचित कर सकते हैं। यह विधि अधिक विश्वसनीय है ।
प्रश्न- पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबंधन प्रणाली में क्या समानता है ?
उत्तर— दोनों के पालन के लिए निम्न बातें आवश्यक हैं—
(i) उचित आवास व्यवस्था (ii) उचित प्रकाश की व्यवस्था (iii) उचित पोषण व्यवस्था (iv) समय पर टीकाकरण (v) विकसित नस्लों का उपयोग (vi) सफाई तथा स्वच्छता का प्रबन्ध ।
प्रश्न- ब्रोइलर तथा अंडे देने वाली लेयर में क्या अंतर है ? इनके प्रबंधन के अंतर को भी स्पष्ट करें ।
उत्तर— लेयर को अधिक स्थान की जरूरत है जबकि ब्रौइलर को कम स्थान चाहिए ।
लेयर का भोजन विटामिन तथा खनिजों से भरपूर होना चाहिए जबकि ब्रौइलर का भोजन प्रोटीन तथा वसा से भरपूर होना चाहिए।
प्रश्न- मिश्रित मछली संवर्धन से क्या लाभ हैं ?
उत्तर— (i) इन मछलियों की खाद्य आदत अलग-अलग होती है।
(ii) ये मछलियाँ एक-दूसरे से किसी भी रूप में स्पर्द्धा नहीं करतीं।
(iii) स्रोत के समस्त भागों का भोजन मछलियों द्वारा उपयोग में आ जाता है।
(iv) विभिन्न प्रकार की मछलियाँ एक ही स्रोत में पाली जा सकती है।
प्रश्न- शहद उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में कौन-से ऐच्छिक गुण होने चाहिए ?
उत्तर— (i) शहद एकत्र करने की अच्छी क्षमता
(ii) शत्रुओं से बचाव की क्षमता
(iii) रानी की अच्छी अंडे उत्पादन की क्षमता
(iv) प्रकृति में सज्जनता ।
प्रश्न- चरागाह क्या है और ये शहद उत्पादन से कैसे संबंधित हैं ?
उत्तर— चरागाह उस फसल या पौधे को कहते हैं जिसके मधु व पराग से मधुमक्खी शहद इकट्ठा करती है यह उस क्षेत्र में उपलब्ध फूलों पर निर्भर करती है ।
यह शहद के गुण तथा मात्रा को प्रभावित करता है क्योंकि अलग-अलग फ्लोरा अलग-अलग प्रकार का शहद उत्पन्न करते हैं। जैसे कश्मीर के बादाम का शहद स्वादिष्ट होता है।
प्रश्न- फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन करो जिससे अधिक पैदावार प्राप्त हो सके। 
उत्तर— अधिक पैदावार लेने के लिए फसल उगाना फसल उत्पादन कहलाता है। संकरण का अर्थ है दो आनुवंशिक दृष्टि से भिन्न पौधों में क्रॉसिंग अर्थात् परागण कराना जिससे उच्च उपजी किस्म प्राप्त हो सके।
प्रश्न- खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर— खाद तथा उर्वरकों का उपयोग मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके ।
प्रश्न- अंतराफसलीकरण तथा फसल चक्र के क्या लाभ हैं ?
उत्तर— अंतराफसलीकरण के लाभ – जब दो या उससे अधिक फसलें एक ही खेत में निश्चित पंक्तियों में उगाई जाती हैं तो एक तो फसल नष्ट होने का खतरा कम होता है तथा ये फसलें अलग-अलग पोषक तत्त्व उपयोग में लाते हैं जिससे उत्पादन बढ़ता है।
फसल चक्र के लाभ—
(i) मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है । (ii) उर्वरकों की कम आवश्यकता पड़ती है । (iii) उत्पादन बढ़ता है । (iv) फसल में पीड़क व खरपतवार नियन्त्रण में सहायता मिलती है ।
प्रश्न- आनुवंशिक फेरबदल क्या है ? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी हैं ?
उत्तर— आनुवंशिक फेरबदल का अर्थ है वांछित गुणों की संकरण, DNA पुनः मिलन तथा पौलीप्लोइडी द्वारा वृद्धि ।
इसके द्वारा कृषि में वांछित गुणों वाली किस्में उत्पन्न करना, उगाना तथा उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।
प्रश्न- भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज़ की हानि कैंसे होती है ?
उत्तर— भंडारित अनाज को जैविक तथा अजैविक कारक जैसे तापक्रम व नमी निम्न प्रकार से खराब करते हैं—
(i) अनाज का सड़ना ।
(ii) वजन में कमी
(iii) अंकुरण क्षमता का कम होना
(iv) कीड़े लगना ।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *