Bihar Board Class 9Th Social Science chapter 3 फ्रांस की क्रांति Solutions | Bseb class 9Th Chapter 3 फ्रांस की क्रांति Notes

Bihar Board Class 9Th Social Science chapter 3 फ्रांस की क्रांति Solutions | Bseb class 9Th Chapter 3 फ्रांस की क्रांति Notes

1. ‘प्रथम इस्टेट’ में कौन आते थे ? 
(a) सामंत
(b) पादरी 
(c) किसान
(d) गरीब
2. ‘द्वितीय इस्टेट’ में कौन आते थे ?
(a) कुलीन
(b) पादरी
(c) किसान
(d) मजदूर
3. ‘तृतीया इस्टेट’ में कौन सा वर्ग आता था ?
(a) राजा
(b) सर्वसाधारण वर्ग
(c) पादरी
(d) धनी
4. ‘बास्तिल’ का पतन किस वर्ष हुआ ?
(a) 2017 में
(b) 1789 में
(c) 1889 में
(c) 1947 में
5. सबसे अधिक करो का बोझ किस इस्टेट पर था ?
(a) प्रथम
(b) द्वितीय
(c) तृतीया 
(d) इनमें से कोई नहीं
6. फ्रांस की क्रांति किस वर्ष हुई थी ?
(a) 1947
(b) 1789 
(c) 1985
(d) 2012
7. ‘दि स्पिरिट ऑफ लॉज’ किसकी रचना थी ? 
(a) मॉटेस्कयू 
(b) प्रेमचंद्र
(c) मैग्लेन
(d) रॉबट
8. फ्रांस में स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है ? 
(a) 15 अगस्त
(b) 26 जनवरी
(c) 14 जुलाई 
(d) 15 जुलाई
9. शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत का प्रतिपादन किन्होंने किया था ?
(a) माँटेस्क्यू ने
(b) रूसो ने
(c) हिटलर ने
(d) मेजिनी ने
10. सम्राट लूई सोलहवें को किस तिथी को फांसी दी गई ?
(a) 26 जनवरी, 1790को  को
(b) 21 जनवरी, 1793 को 
(c ) 21 जनवरी 1792
(d) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न- फ्रांस की क्रांति के तीन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक कारणों को लिखें। 
उत्तर— राजनीतिक कारण:
I. लूई चौदहवाँ व लूई सोलहवाँ का निरंकुश शाषण।
II. प्रशासनिक भ्रष्टाचार
III. न्याय व्यवस्था की दुर्बलता।
सामाजिक कारण:
I. पादरी वर्ग की भोग-विलासिता
II. सर्वसाधारण वर्गों पर अत्यधिक कर (टैक्स) ।
III. मध्यम वर्गों का असम्मान।
आर्थिक कारण:
I. कर वसूली की प्रणाली।
II. बेकारी की समस्या |
III. अव्यवस्थित अर्थव्यवस्था ।
प्रश्न- “लेटर्स-डी – कैचे” से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर— फ्रांस में एक कानून था जिसके आधार पर किसी भी व्यक्ति पर बिना मुकदमा चलाए उसके गिरफ्तार किया जा सकता था। इसे लेटर्स-दी- कैचे’ के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न- फ्रांस की क्रांति का इंग्लैंड पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर— फ्रांस की क्रांति से प्रेरित हो वहाँ की जनता ने भी सामन्तवाद के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दी। फलस्वरूप सन् 1862 में इंग्लैड में ‘संसदीय सुधार अधिनियम’ पारित हुआ जिससे जनता के लिए सुधार के अनेकों मार्ग खुले ।
प्रश्न- फ्रांस की क्रांति से जर्मनी कैसे प्रभावित हुआ ?
उत्तर— फ्रांस की क्रांति से प्रभावित हो 300 राज्यों वाला जर्मनी 38 राज्यों में सिमट गया और जर्मनी के लोगों में ‘स्वतंत्रता’ ‘समानता’ एव बन्धुत्व (भाईचारे) की भावना जागी।
प्रश्न- फ्रांस की क्रांति के परिणामों व देनों का उल्लेख करें। 
उत्तर— फ्रांस की क्रांति के परिणाम व देन निम्न थे।
I. पुरातन व्यवस्था का अंत – फ्रांस की क्रांति ने वहाँ की पुरातन व्यवस्था को समाप्त कर एक आधुनिक युग को जन्म दिया जिसमें स्वतंत्रता, समानता व बन्धुत्व का भाव था।
II. राजतंत्र का अंत – क्रांति के बाद राजा के दैविक अधिकार का स्थान जनतंत्र ने ले लिया।
III. व्यापार-वाणिज्य में वृद्धि – क्रांति के फलस्वरूप फ्रांस के व्यापार-वाणिज्य में वृद्धि हुई और यह व्यापार में इंग्लैंड के बाद दूसरे नंबर पे आ गया।
IV. सरकार पर शिक्षा का उत्तर दायित्व – फ्रांस में अभी तक चर्च में शिक्षा का प्रबंध था, पर अब इसकी जिम्मेवारी सरकार पर आ गयी।
V. महिला आयोग का गठन – महिलाओं द्वारा ‘द सोसायटी ऑफ रिवॉल्यूशनरी एण्ड रिपब्लिकन वोमेन’ नामक संस्था का गठन हुआ।
प्रश्न- फ्रांस की क्रांति एक युगान्तरकारी घटना थी। कैसे ? 
उत्तर— फ्रांस की क्रांति एक युगान्तकारी घटना थी जिसने एक अंधकार युग का अंत कर नये युग का आरंभ किया। इस क्रांति ने फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त कर सामाजिक व्यवस्था के नये विचारों-‘स्वतंत्रता, समानता तथा मानव अधिकार के सिद्धान्तों को स्थापित किया। साथ ही यूरोप के अन्य देश भी इन विचारों से प्रभावित हुए और उनमें सुधार का सिलसिला शुरू हुआ।
प्रश्न- फ्रांस की क्रांति के लिए लुई XVI किस तरह उत्तरदायी था ? 
उत्तर— लुई XVI फ्रांस का राजा था, जो अत्यधिक निरंकुश, फिजूलखर्ची व अयोग्य शासक था। उसके शासनकाल में निंरकुश राजतंत्र पर नियंत्रण का अभाव था। वह कहा करता था-“मैं ही राज्य हूँ” लेकिन वह अयोग्य शासक था जो विद्रोहियों को क्रूरतापूर्वक दबा देता था। उसकी गंदी सोच तथा शासन के दुरूपयोग ने लोगों को राजतंत्र के खिलाफ भड़का दिया था।
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