कहानी शिक्षण सोपानों के बारे में लिखिए।
कहानी शिक्षण सोपानों के बारे में लिखिए।
उत्तर— हिन्दी भाषा के पाठ्यक्रम में कहानी का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बालकों की कल्पना तथा भावानुभूति की शक्ति जाग्रत करने का अच्छा साधन है। इसलिए इसकी गणना रागात्मक पाठों में की जाती है । अतः प्रभावशाली शिक्षण के लिए यह जरूरी है कि अध्यापक पाठयोजना की एक योजना बनाये और पूरी तैयारी करने के बाद कहानी सुनाये । कहानी के मौखिक शिक्षण की पाठ-योजना बनाने के लिए अध्यापक को निम्न सोपानों का पालन करना चाहिए—
(1) प्रस्तावना—सर्वप्रथम कक्षा में उचित वातावरण का निर्माण कराने, कहानी के प्रति छात्रों की जिज्ञासा जाग्रत करने तथा कहानी की तरफ छात्रों को आकर्षित करने के उद्देश्य से छात्रों से छोटे-छोटे प्रश्न पूछकर उनके पूर्वज्ञान की परीक्षा करनी चाहिए। इसके पश्चात् कहानी के केन्द्रीय भाव के बारे में बताते हुए उद्देश्य की घोषणा करनी चाहिए। उद्देश्य की घोषणा में कहानी का शीर्षक बताना चाहिए।
(2) प्रस्तुतीकरण—इस सोपान में ही अध्यापक को मौखिक रूप से कहानी छात्रों को सुनानी चाहिए। कहानी शिक्षण का यह महत्त्वपूर्ण सोपान है। इस समय अध्यापक को पूरी तैयारी के साथ उचित स्वर, उचित गति एवं उचित हावभाव के साथ कहानी सुनाई जानी चाहिए।
शिक्षक द्वारा प्रभावपूर्ण एक अन्विति का वर्णन तथा वर्णित अंश पर आधारित उचित प्रश्नों द्वारा आवृत्ति कर लेनी चाहिए। फिर दो-एक प्रश्नों द्वारा कथासूत्र को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों को प्रेरित करना चाहिए।
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