नाम-कीर्तन के आगे कवि किन कर्मों की व्यर्थता सिद्ध करता है ?
नाम-कीर्तन के आगे कवि किन कर्मों की व्यर्थता सिद्ध करता है ?
उत्तर :- पुस्तक-पाठ, व्याकरण के ज्ञान का बखान, दंड-कमण्डल धारण करना, शिखा बढ़ाना, तीर्थ-भ्रमण, जटा बढ़ाना, तन में भस्म लगाना, वसनहीन होकर नग्न-रूप में घूमना इत्यादि के अनुसार नाम-कीर्तन के आगे व्यर्थ हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here