मध्यप्रदेश की नदियॉं, नदियों के किनारे बसे म.प्र. के प्रमुख शहर
मध्यप्रदेश की नदियॉं, नदियों के किनारे बसे म.प्र. के प्रमुख शहर
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियॉ MP Ki Pramukh Nadiyan
नर्मदा नदी Narmada Nadi
- म.प्र. की सबसे बड़ी और लम्बी नदी |
 - पश्चिम भारत में बहने वाली सबसे लम्बी नदी
 - भारत की पांचवी सबसे लम्बी नदी |
 - उदगम स्थल -: अनूपपुर जिले के अमरकंटक से निकलती है इस लिए इसे मैकल सुता कहा जाता है |
 - अन्य नाम – रेवा (प्राचीन नाम) ,म.प्र. तथा गुजरात की जीवन रेखा
 - अवसान– गुजरात के भडोंच के निकट खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है
 - कुल लम्बाई – 1312 km , म.प्र. – 1077 km
 - यह तीन राज्यों में बहती है – म.प्र.,महाराष्ट्र ,गुजरात |
 - नर्मदा नदी म.प्र. के 13 जिलो में बहती है |
 - अनूपपुर, डिंडोरी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, देवास, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर
 - सहायक नदियाँ– 41 विश्व में सर्वाधिक तवा,शेर, शक्कर, दूधि, हिरन ,मान , वनास , बरना
 - नर्मदा नदी द्वारा निर्मित जल प्रताप – कपिल धारा , दुग्ध धारा , धुँआधार – भेडाघाट (जबलपुर) , सहस्त्र धारा – महेश्वर (खरगोन)
 - नर्मदा नदी डेल्टा का निर्माण नही करती है बल्कि एश्चुअरी का निर्माण करती है |
 - नर्मदा नदी दो पर्वत श्रेणियों के मध्य बहती है – विंध्याचल पर्वत और सतपुड़ा पर्वत
 - नर्मदा नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल – औकारेश्वर – खंडवा , महेश्वर – खरगोन
 - नर्मदा नदी पर स्थित परियोजना – नर्मदा घाटी परियोजना
 - बहने की दिशा – पश्चिम दिशा |
 
चम्बल नदी Chambal Nadi
- नर्मदा नदी के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे लम्बी नदी |
 - उदगम स्थल – महू के जाना पाव पहाड़ी से निकलती है | महू को परशुराम तथा अम्बेडकर की जन्म स्थली मना जाता है |
 - अवसान – यू.पी के इटावा के पास यमुना नदी में
 - लम्बाई – 965 km
 - यह तीन राज्यों में बहती है – म.प्र. ,राजस्थान,उत्तर प्रदेश |
 - म.प्र. तथा राजस्थान की सीमा बनाती है |
 - सहायक नदियाँ – काली सिंध , क्षिप्रा , पार्वती , सिंध, वनास |
 - निर्मित जल प्रपात – चुलिया (कोटा)18 मी |
 - इसकी बहने की दिशा – उत्तर दिशा |
 
सोन नदी Sone Nadi
- उदगम – अनूपपुर जिले के अमरकंटक
 - अवसान – पटना के पास गंगा नदी (दीनापुर)|
 - दिशा – उत्तर की ओर
 - लम्बाई – 780 k.m
 - यह तीन राज्यों में बहती है – म.प्र.,उत्तर प्रदेश , बिहार |
 - सहायक नदी–जोहिला
 - निर्मित परियोजना – बाण सागर परियोजना (शहडोल)|
 
ताप्ती नदी Tapti Nadi
- उदगम – बैतूल जिले के मुलताई के निकट सतपुड़ा पर्वत
 - अवसान – गुजरात में सूरत के निकट खम्भात की खाड़ी में
 - दिशा – पश्चिम (नर्मदा नदी के समांतर)|
 - यह तीन राज्यों में बहती है – म.प्र. ,महाराष्ट्र , गुजरात |
 - लम्बाई – 724 km
 - सहायक नदी – पूरणा (पूर्णा)
 - ये नदी डेल्टा का निर्माण नहीं करती एश्चुअरी बनाती है |
 
बेतवा Betwa Nadi
- इसे म.प्र. की गंगा कहा जाता है
 - उदगम – रायसेन के कुमरा नामक गाँव
 - दिशा – उत्तर
 - अवसान – उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के पास यमुना नदी में म.प्र.तथा उत्तर प्रदेश में बहती हुई सीमा बनाती है
 - सहायक नदियां – बीना धसान |
 - इसके द्वारा निर्मित जल प्रपात – भालकुण्ड जल प्रपात (सागर)|
 - निर्मित परियोजना – राजघाट परियोजना (लक्ष्मीबाई परियोजना)|
 
गंभीर Gambhir Nadi
- गंभीर नंदी इंदौर जिले के महू तहसील में जानापाव पहाड़ी से हुआ हैं
 - जानापाव को भगवान परशुराम की जन्मस्थली माना जाता हैं
 - उज्जैन जिले के माहिदपुर के पास क्षिप्रा नदीं में मिल जाती है।
 - इस नदी पर बेरछा और बदरख में दो बांध निर्मित हैं। बदरखा बांध से निर्मित विशाल जलाशय यशवंत सागर के नाम से जाना जाता है।
 
कालीसिंध Kalisindh Nadi
- उदगम – देवास के बागली से निकलती है |
 - अवसान – राजस्थान में चम्बल नदी में
 - राज्य – म.प्र. , राजस्थान
 
केन Ken Nadi
- उदगम – केमुर पर्वतमाला के बीच मुवार गाँव से निकलती है।
 - पुराणों मे इसे सूक्तामती और कनर्वती कहा गया है ।
 - अवसाद – उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में (बाँदा) |
 - राज्य – म.प्र. , उत्तर प्रदेश
 - रनेह नामक जल प्रपात बनाती है।
 
बेन गंगा Benganga Nadi
- उदगम – सिवनी के प्रताप पुरा से |
 - अवसान – महाराष्ट्र में वर्धा नदी में मिल जाती है |
 - महाराष्ट्र में बेंन गंगा तथा वर्धा नदी के संगम को प्राणहिता कहा जाता है |
 - इसकी सहायक नदियाँ – कान्हन (छिंदवाड़ा) , पेच (छिंदवाड़ा) वावनथड़ी (बालाघाट)|
 - राज्य म.प्र.,महाराष्ट्र |
 
टोंस Tons Nadi
- उदगम – माइहर (सतना )की केमोर पहाड़ी से |
 - अवसान – उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में |
 - राज्य – म.प्र. , उत्तर प्रदेश
 
सिन्ध Sindh Nadi
- उदगम – विदिशा
 - अवसान – उत्तर प्रदेश के अटावा के पास चम्बल नदी में
 - राज्य – म.प्र. , उत्तर प्रदेश
 
तवा Tava Nadi
- उदगम – पंचमढ़ी के महादेव पर्वत से
 - अवसान – होशंगाबाद के पास इटारसी में नर्मदा नदी में
 - तवा नदी पर होशंगाबाद के पास तवा सेतु या महात्मा गाँधी सेतु निर्मित है जो म.प्र. का सबसे लम्बा पुल है |
 - इसकी लम्बाई -1322 मी
 
क्षिप्रा Shipra Nadi
- उदगम – इंदौर के पास काकरी बरडी पहाड़ी (उज्जेनी गाँव)
 - अवसान–मंदसोर में चम्बल नदी में |
 - उज्जेनी गाँव से नर्मदा–क्षिप्रा लिंक परियोजना प्रारंभ की गई है 29 नवम्बर 2012 (लालक्रष्ण अड़वाणी) फरवरी 2014 में यह परियोजना पूरी हो गई है |
 
पार्वती Parvati Nadi
- उदगम – सीहोर से
 - अवसान – चम्बल नदी (श्योपुर)|
 
माही Mahi Nadi
- उदगम स्थल – धार के विंध्याचल पर्वत
 - अवसान–गुजरात में खम्भात की खाड़ी में
 - राज्य – म.प्र. गुजरात, राजस्थान |
 - माहीनदी कर्क रेखा को दो बार कटती है |
 
नदियों के किनारे बसे म.प्र. के प्रमुख शहर Nadiyon Ke Kinare Bane MP Ke Sahar
- जबलपुर, होशंगाबाद, ओंकारेश्वर – नर्मदा नदी
 - अमरकंटक – नर्मदा व् सोन नदी
 - महू , श्योपुर , रतलाम – चम्बल नदी
 - शहडोल , सतना , सीधी – सोन नदी
 - बुरहानपुर – ताप्ती नदी
 - विदिशा , ओरछा ,गुना – वेतवा नदी
 - बागली , देवास , आष्टा – काली सिन्ध नदी
 - राजगढ़ , शाजापुर – पार्वती नदी
 - शिवपुरी ,दतिया – सिन्ध नदी
 - धार– माही नदी
 - पचमढ़ी– तवा नदी
 - मन्दसोर– शिवना नदी
 - उज्जेन -क्षिप्रा नदी
 - सिवनी– वेन गंगा नदी
 - छिंदवाड़ा– कान्हन तथा पेंच नदी
 - बालाघाट– वावन थडी नदी
 - इंदौर– खान नदी
 - 18.रीवा (चचाई जल प्रपात–म.प्र. का सबसे ऊँचा 130 मी ) – बीहड़ नदी
 - छतरपुर, पन्ना (पाडोल जलप्रपात) – केन नदी
 
मध्यप्रदेश की छोटी प्रमुख नदियां MP Ki Pramukh Nadiyan
- गंभीर नदी का उद्गम इंदौर जिले के जानापाव पहाड़ी।
 - शिप्रा नदी का उद्गम इंदौर जिले के मुण्डलादोसदार गांव। कुल लंबाई 195 कि.मी.।
 - छोटी कालीसिंध का उद्गम देवास।
 - लखुन्दर का उद्गम उज्जैन जिले की तराना तहसील।
 - परवान नदी का उद्गम मालवा का पठार। म.प्र. मेे लंबाई 186 कि.मी.।
 - नेवज नदी का उद्गम सीहोर जिले की आष्टा तहसील।
 - पार्वती नदी का उद्गम सीहोर जिले के आष्टा के सिद्वीकी गंज के पास विध्यांचल पहाड़।
 - अहेली नदी श्योपुर जिले के पास प्रवाहित होती है।
 - सिप चंबल क्षेत्र में प्रवाहित होती है।
 - कुनो नदी गुना के समीप से निकलती है। राज्य में इसकी लंबाई 24 कि.मी. है।
 - बेसली नदी का उद्गम ग्वालियर जिले के काली पहाड़ से हुआ है। इस वैसूल नाम से भी जाना जाता है।
 - सिंध नदी का उदगम विदिशा जिले के लटेरी कस्बे से हुआ है।
 - आसन नदी का उदगम चंबल क्षेत्र के मुरैना जिले से हुआ है।
 - कैथन नदी का उदगम विदिशा जिले के सिरोंज से हुआ है।
 - क्योटर नदी विदिशा जिले की नदी है।
 - महुअर यह सिंध की सहायक नदी है। इसका उदगम शिवपुरी जिले से हुआ है।
 - बीना नदी का उदगम रायसेन जिले के देहगांव से हुआ है।
 - धसान नदी का उदगम रायसेन जिले से हुआ है।
 - कुआंरी चंबल क्षेत्र की प्रमुख नदी है। इसका उदगम शिवपुरी जिले के देवगढ़ से होता है।
 - पाहुज नदी का उदगम शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील से हुआ है।
 - बेवस नदी का उदगम रायसेन जिले की सियारमउ पहाडि़यों से हुआ है।
 - देहान नदी बुन्देलखंड की नदी है। इसका प्रमुख प्रवाह सगर जिले के तहत आता है।
 - सोनार नदी रायसेन और सागर के मध्य स्थित पहाडि़यों से उद्गमित होती है।
 - कोपरा नदी सागर जिले के रहली से उद्गमित होती है।
 - बीहड नदी विन्ध्य क्षेत्र सतना जिले के अमरपाटर में खरमखेड़ा की पहाडि़यों से निकलती है।
 - महानदी छोटी यह मंडला जिले के अखड़ार गांव के समीप से निकलती है
 - बनास नदी का उद्गम छत्तसीगढ़ के महेन्द्रगढ़ से हुआ हैं म.प्र. मे यह सीधी शहड़ोल जिलों में प्रवाहित होती है।
 - बाघेन नदी पन्ना जिले से निकलती है।
 - जोहिला का उदगम अनूपुर जिले के अमरकंटक से हुआ है।
 - अजनार नदी का उद्गम भोपाल के पास जंगली क्षेत्र से हुआ है। भोपाल के समीप प्रवाहित होती है।
 - कलियासोत नदी भोपाल की समीपवर्ती नदी है।
 - केरवा नदी भोपाल की समीपवर्ती नदी है।
 - नेउर नदी प्रदेश के सीधी और सिंगरौली जिलों में प्रवाहित होती है ।
 - गोपद मध्यप्रदेश के विन्ध्यक्षेत्र की महत्वपूर्ण नदी है। यह छत्तीसगढ़ से उद्गमित होती है।
 - बिजुल नदी यह सोन की सहायक नदी है। सिंगरौली इसके प्रवाह क्षेत्र मेें आता है।
 - रेहन नदी को रिहिन्द नदी भी कहते है यह नदी छत्तीसगढ़ की मातृंगा पहाडि़यों से निकलती है।
 - पैसूनी नदी को पवित्र मंदाकिनी नदी के तौरपर भी जाना जाता है। पैसूनी नदी सतना जिले की डागरी पहाड़ी से उद्गमित होती है।
 - हलाली नदी को बसे और थाल नाम से भी जाना जाता है यह सीहोर जिले के परवलिया गांव से निकलती है।
 - हलाली नदी पर सांची के समीप सम्राट अशोक सागर बांध अथवा हलाली बांध बना है।
 - शिवना नदी का उद्गम रतलाम जिले से हुआ हैं
 - कारम नदी इंदौर जिले के सिंगारचोरली पहाड़ी से निकलती है।
 - रिछन नदी रायसेन जिले में प्रवाहित होती है।
 - सांक नदी ग्वालियर शहर के समीपवर्ती डीन पहाड़ी से निकलती है।
 - शेर नदी का उद्गम सिवनी जिले में सतपुड़ा पर्वत श्रेणी से हुआ है।
 - शक्कर नदी छिंदवाड़ा जिलेे अमरवाड़ा के समीप से उद्गमित होती है नर्मदा की सहायक नदी है।
 - दूधी छिंदवाड़ा जिले के तामिया के पास से उद्गमित होती है।
 - गंजाल नदी हरदा जिले के सांपना बर्रा पहाड़ी से उद्गमित होती है।
 - कावेरी नदी नर्मदा के बायें तटर पर मिलने वाली सहायक नदी है। इसका जलग्रहण क्षेत्र खंडवा जिले में आता है।
 - हिरन नदी का उद्गम जबलपुर जिले कुन्डम से हुआ है।
 - बारना नदी का उद्गम रायसेन जिले से हुआ है।
 - कोलार नदी का उद्गम सीहोर जिले के बिलकीसगंज के समीप पहाडि़यों से हुआ है।
 - चोरल नदी का उद्गम इंदौर के समीप छोटा जाम से हुआ है। इसके उद्गम स्थल पर जाम दरवासा मंदिर का निर्माण किया गया है।
 - मान नदी का उद्गम धार जिले के विन्ध्य पर्वतमाला से हुआ है।
 - हथनी नदी का उद्गम अलीराजपुर के समीप से हुआ है।
 - मोरंड नदी का उद्गम बैतूल जिले के चीचली पहाडि़यों से होता है।
 - देनवा नदी का उद्गम पचमढी की धूपगढ़ पहाडि़यों से होता है।
 - बावनथड़ी नदी का उद्गम सिवनी जिले के पहाड़ी क्षेत्र से होता है।
 - कुन्दा नदी का उद्गम पश्चिमी निमाड़ क्षेत्र से होता है।
 - कालघई नदी का उद्गम खंडवा जिले के पंधाना के पास सतपुड़ा की पहाडि़यों से हुआ है।
 - पूर्णा नदी ताप्ती की सहायक नदी है। इसक उद्गम बैतूल जिले के भैंसदेही से हुआ है।
 - आवना नदी खंडवा जिले के समीप से निकलती है।
 - कन्हान नदी छिंदवाड़ा जिले की प्रमुख नदी है। इसका उद्गम छिंदवाड़ा जिले के पहाड़ी क्षेत्र से हुआ है।
 - बैनंगगा नदी का उद्गम सिवनी जिले के पहाडी़ क्षेत्रों से हुआ है।
 - वर्धा नदी का उद्गम बैतूल जिले मुलताई में स्थित दहाढाना चौटी से हुआ है।
 - माही नदी धार जिले के सरदारपुर तहसील में गोमांसपुर पहाडि़यों से निकलती है।
 - पानाम नदी झाबुआ जिले से उद्गमित होती है।
 
मध्यप्रदेश की नदियॉं Rivers of MP
- नर्मदा नदी को म.प्र. की जीवन रेखा कहा जाता है।
 - नर्मदा म.प्र. की सबसे लम्बी और भारत की पॉचवीं बड़ी नदी है।
 - बेतवा नदी को म.प्र. की गंगा कहा जाता है।
 - म.प्र. की पॉच बड़ी नदियों में नर्मदा,चंबल, सोन, ताप्ती, बेतवा है।
 - भारत में सर्वाधिक नदियां म.प्र. में प्रवाहित होती हैं।
 - चंबल नदी बीहड़ के कारण दस्युओं का आश्रय स्थल है।
 - नर्मदा और ताप्ती नदियॉं डेल्टा का निर्माण नहीं कर एश्चुअरी का निर्माण करती हैं।
 - प्रख्यात भुगोलविद टॉलमी ने नर्मदा नहीं को नमोदास कहा है।
 - मध्यप्रदेश को नदियों को मायका कहा जाता है।
 - क्षिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में प्रति बारह वर्ष के पश्चात महाकुंभ का आयोजन होता है।
 - नर्मदा नदी म.प्र., गुजरात, महाराष्ट्र से होकर गुजरती है।
 - नर्मदा नदी का उदगम अनुपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील से हुआ है।
 - मध्यप्रदेश का सबसे लम्बा बांध तवा नदी पर 1322 मीटर है जो होशंगाबादजिले में है।
 - वर्धा तथा बेनगंगा के संगम स्थल को प्राणहिता के नाम से जाना जाता है।
 - मध्यप्रदेश में प्रवाहित होने वाली नदियॉं प्रायद्वीपीय नदियां हैं।
 - मध्यप्रदेश के अमरकंटक से 3 कि.मी. के अंतर से तीन नदियां नर्मदा, सोन, जोहिला का उदगम है।
 - मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा जल प्रपात चचाई है।
 - महाभारत में कहा गया है कि ताप्ती सूर्य भगवान की पुत्री है।
 - राज्य की प्रथम विद्युत परियोजना गांधी सागर बांध चंबल नदी पर मंदसौर में बनाई गई है।
 - क्षिप्रा नदी को मालवा की गंगा कहते हैं।
 - नर्मदा क्षिप्रा का संगम उज्जैनी (इंदौर) में हुआ है।
 - चंबल, बेतवा, सोन एवं केन उत्तर दिशा में प्रवाहित होती हैं।
 - बेनगंगा, पेंच, वर्धा दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती हैें।
 - नर्मदा एवं ताप्ती नदी पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती हैं।
 - नर्मदा अमरकंटक से उदगमित, कुल लंबाई 1312 कि.मी.
 - म.प्र. से निकलने वाली अधिकांश नदियाँ दूसरे राज्य में जा कर किसी बड़ी नदी में मिल जाती है |इसलिए म.प्र. को नदियों का मायका कहा जाता है |
 - छोटी कालीसिंध नदी का उदगम देवास से हुआ है। यह नदी आगे चलकर चंबल नदी में मिल जाती है।
 - परवान नदी का उदगम मालवा पठार से हुआ है।
 - नेवज नदी सिहोर जिले की आष्टा तहसील से हुआ है।
 - कुनो नदी गुना के समीप से निकलती है।
 - बेसली नदी को बैसूल के नाम से भी जाना जाता है यह चंबल क्षेत्र में प्रवाहित होती है।
 - कैथन नदी का उदगम विदिशा जिले के सिरोंज के पास पहाडि़यों से हुआ है।
 - क्योटन नदी विदिशा जिले से निकली हैं
 - महुअर यह सिंध की सहायक नदी है। इसका उदगम शिवपुरी के पास से हुआ है। पुराणों में इसे मधुमति के नाम से पुकारा गया है।
 - धसान नदी रायसेन जिले से निकलती है।
 - कुंआरी या क्वांरी नदी चंबल क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदी हैं इसका उदमगम शिवपुरी जिले के देवगढ़ से हुआ है।
 - बेवस नदी रायसेन जिले की सियारमउ पहाडि़यों से निकलती है।
 - टोंस नदी का उदमगम सतना जिले के पास से कैमूर की पहाडि़यों से हुआ हैं
 - बीहड़ नदी विन्घ्य क्षेत्र के सतना जिले से खरम केड़ा की पहाडि़यों से उदगमित होती है।
 - कटनी नदी जबलपुर के सिहोरा के पास से भीतरीगढ़ पर्वत श्रेणी से निकलती है।
 - केरवा नदी भोपाल के समीपवर्ती नदी है जिस पर केरवा बांधा को निर्माण किया गया हैै।
 - कोलार नदी सीहोर जिले के बिलकीसगंज के समीप विध्यांचल की पहाडि़यों से उद्गमित होती है।
 - म.प्र. की चार सबसे लम्बी नदियां – 1 ) नर्मदा , 2 ) चम्बल , 3 ) सोन , 4 ) ताप्ती
 
- म.प्र. की वे नदियाँ जो गंगा नदी की सहायक है – सोन , टोंस |
 - यमुना नदी की सहायक – चम्बल , बेतवा , केन |
 
महत्वपूर्ण तथ्य-
- मध्यप्रदेश की गंगा [प्रदूषण के आधार पर] बेतवा नदी को कहा जाता है।
 - मध्य प्रदेश की गंगा [पवित्रता के आधार पर] नर्मदा नदी को कहा जाता है।
 - मालवा की गंगा शिप्रा नदी को कहा जाता है।
 - मध्यप्रदेश में आदिवासी गंगा माही नदी को कहा जाता है।
 - खुशियों की नदी का दर्जा नर्मदा नदी को दिया गया है।
 - मध्य प्रदेश की पहली जीवित नदी नर्मदा नदी है।
 - मध्य प्रदेश की सबसे सुंदर नदी केन नदी को कहा जाता है।
 
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